पर प्रकाश डाला गया
- जूडो खिलाड़ी रजनी जोशी ने राष्ट्रीय स्तर पर 6वां पदक जीता।
- दिव्या को चार बार मिला “छत्तीसगढ़ शेरनी” का शीर्षक।
- 17 नेशनल रिपब्लिक में भाग लेवाली है दिव्या भारती।
रोशन सिन्हा/नईदुनिया, प्रतिनिधि धमतरी। कुश्ती खिलाड़ी दिव्या भारती और अनैतिक खिलाड़ी रजनी जोशी को खेल दिवस पर रायपुर में सम्मानित किया गया। इन दोनों खिलाड़ियों ने जिले के मन को चकमा दिया है। रजनी जोशी ने बताया कि वर्ष 2016 में जब गांव में रिलिजन चिल्ड्रन संस्था एक्जेक्ट फाउंडेशन और आवासीय प्रशिक्षण केंद्र खुला, तो वहां पढ़ाई के लिए गए। वहां की टीचर्स के माध्यम से पता चला कि हम जैसे अनैतिक लोगों का भी खेल होता है।
पहली बार उन्होंने टीचर्स के साथ स्टेट स्टेटिक पैरा जूडो खेल में भाग लिया, जिसमें उन्हें पहली बार ही स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ। इसके बाद आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयन हुआ, वहां भी स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ, तब से वह जूडो खेल रही है।
वे सिकंदराबाद, कानपूर, नाख़ून, गोरखपुर, राजस्थान। उनका राष्ट्रीय स्तर छह पदक पर है। इस जहां तक पहुंचने में सहायता करने वालों के प्रति अभिरुचि से बातचीत की गई है। संस्था की लक्ष्मी सोनी मैम, शशि निर्मलकर मैम, रूबी कुर्रे मैम ने काफी सहयोग किया।
ग्राम भानपुरी की दिव्या भारती ने कुश्ती में बनाई पहचान
ग्राम भानपुरी की कुश्ती दिव्या भारती ने बताया कि वे ईयर प्लेयर 2014 से कुश्ती खेल रही हैं। आज भी इस खेल में वे प्रतिनिधित्व कर रही हैं। उन्हें इस खेल की प्रेरणा अपनी बड़ी बहन से मिली जो शुरू हुई यह खेल खेल रही थी। पहली बार उन्होंने 10वीं कक्षा में कुश्ती खेली थी। स्कूली खेलों में आयोजित खेलों में उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया।
पहले धमतरी से कोच गांव में प्रैक्टिस करने आए थे उसके बाद उन्होंने धमतरी में ही प्रैक्टिस करना शुरू किया। अलसुबह चार से सात बजे तक लगातार अभ्यास करते थे, इसी तरह शाम छह से साढ़े सात बजे तक पुनः अभ्यास करते थे। इसके बाद उन्होंने खेलों में भाग लेना शुरू कर दिया। छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए सन 2014 से अब तक 17 राष्ट्रीय स्तर के मैच खेलें।
उन्होंने बताया कि वे उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों में भी अपना प्रदर्शन कर सकते हैं। इस खेल में उन्हें चार बार छत्तीसगढ़ शेरनी का शीर्षक भी मिला। ओपन मिट्टी दंगल राष्ट्रीय में तीन पदक भी प्राप्त हुए हैं। वर्ष 2017 से 2024 तक लगातार आठ बार सीनियर नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता में आठ बार छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व हुआ।
इसी वजह से 2023_24 में शहीद विक्रम विक्रम सम्मान के लिए भी इनका चयन किया गया। वर्तमान में वे ग्राम झिरिया में रहते हैं। माता-पिता एवं पति एवं मुस्लिम लोगों ने भी उनके खेल को सदैव सहयोग दिया। उनके कोच एवं छत्तीसगढ़ राज्य कुश्ती संघ के सभी खिलाड़ियों ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया है। खेल को बढ़ावा देने के लिए उनके पति गोविंद साहू भी प्रेरित करते हैं, इसी वजह से उन्हें यह सम्मान मिल रहा है। उन्हें सभी का सामान माना जाता है।