पर प्रकाश डाला गया
- ऑल इंडिया आप्थेल्मोलाजिकल सोसायटी की सर्वेक्षक टीम की जांच के लिए।
- रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में सभी विस्थापितों की भर्ती की गई।
- स्वास्थ्य मंत्री ने मछली के इलाज में कोई कमी नहीं होने दी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। दांते में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद आंख में भर्ती की याचिका वाले की संख्या 14 से 17 हो गई है। आपरेशन के बाद इंफ़ेक्शन ग्रोथ पर रेजिमेन्ट को रिपेयर किया गया था। अजीब इलाज अंबेडकर अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल में भर्ती से 14 दिनों तक मरीज का प्रवेश धीरे-धीरे कम हो रहा है।
डॉक्टरों का अनुमान है कि इन अंधेरों की रोशनी वापस आ जाएगी। वहीं तीन दुकानों की रोशनी वापस आने में अभी भी संशय बना है। ऑल इंडिया अपॉथॉलमोलाजिकल सोसायटी (स्टॉकबोर्ड हॉस्पिटल) की टीम। भर्ती अभ्यर्थियों की आंखों की जांच की।
टीम में डा. उदय गाजीवाला (अध्यक्ष एआइओएस एडवर्स इवेंट्स एसोसिएटेड कमेटी), डा. अरविन्द कुमार मोर्या (राष्ट्रीय अध्यक्ष, धर्मशाला मॉस एडवर्स इवेंट्स सोसाइटी), डा. पैसिफ़िक केशाओ बावनकुले (शैक्षणिक एवं अनुसंधान समिति होटल रेस्तरां एवं रेस्तरां विशेषज्ञ) शामिल हैं।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. संतोष सोनकर ने बताया कि नेशनल टीम के 2000 के दशक के 2000 के दशक के 2000 के दशक के 2008-12-19 में विस्फोटकों की जांच की गई थी। जांच में सही इलाज होने की बात कही। साथ ही उन्होंने कहा कि अब किसी अन्य संस्थान में दाखिला लेना जरूरी नहीं है। अस्पताल में भर्ती 17 से 14 दिन बाद छुट्टी की रोशनी वापस आएगी, लेकिन अभी भी समय बाकी है।
इन दवाओं में सुधार के बाद दवा एवं शल्य चिकित्सा क्रिया की झलक दिख रही है। तीन डॉक्टरों की आंख में संक्रमण अधिक होने से राष्ट्रीय टीम के सुझाव के अनुसार अन्य सर्जरी क्रिया की जाएगी। सभी जांच की देखभाल एवं चिकित्सा के निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार नेत्र रोग विभाग के डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है।
दिल्ली से आई टीम ने स्वास्थ्य मंत्री से की बात
दिल्ली से आई ऐआई ओएस की तीन सुपरमार्केट टीम ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी रोलर से बीमारी के इलाज के संबंध में फोन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि डकैती का इलाज सही चल रहा है। दोस्ती का निवेश धीरे-धीरे-धीरे-धीरे कम हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि बीमारी के इलाज में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं की जाएगी।