तेजवर्षा से नदी के टापू में फंसा मछुआरा, रक्षक ने बचाई जान

पर प्रकाश डाला गया

  1. ग्राम पोड़ी के निकट तान नदी की घटना
  2. नदी के टापू में फंसा मछुआरा
  3. आरक्षक ने जान पर खेल कर जान बचाई

नईदुनिया प्रतिनिधि, कोरबा : ग्राम पंचायत पोड़ी के निकट तान नदी में स्थानीय मछुआरा मछली पकड़ने का मामला सामने आया है। वह नदी के बीचोबीच टापू में बैठकर जाल फाँक रही थी। तेज़ वर्षा से नदी का जल स्तर बढ़ गया और वह चारों ओर से पानी की चपेट में आ गया। बैंगो में साउदी रक्षक ने युवाओं की जान बचाई।

नदी नालों में मत्स्य आखेट से लगातार हो रही वर्षा पर रोक लगाई गई है। इसके बाद भी मछुआरे मछली पकड़ने के पैकेट जा रहे हैं। गुरुवार की सुबह तान नदी में पोडी निवासी गोकुल पोर्टे में मछली पकड़ी गई। उसके साथ एक अन्य ग्रामीण भी था। टापू में मछली पकड़ने के दौरान दोनों मछुवारे छात्र बीच नदी के बाढ़ में फंस गए। एक शख्स तो किसी तरह नदी से बाहर निकल गया लेकिन गोकुल में नदी फंस रही है। घटना की जानकारी की बैठक में ड्रूअली ने नदी में तैरते युवाओं को निकालने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हुए। घटना की सूचना बांगो पुलिस को दी गई।

प्रधान आरक्षक डिकसेना अपने एक अन्य मित्र के साथ देश भर में घटना स्थल पर पहुंचे। प्रोजेक्ट के साथ मिलकर तीन घंटे तक का रिस्क्यु किया गया। प्रयास विफल होने पर आरक्षक लोकेश डिक्सेना ने अपनी जान की धार में विस्फोटक लगा दिया। अपने कमर में रस्सी को बांध कर रखा गया था, जिसका दूसरा चौथा ग्रामीण नियामक था। नदी में पानी का बहाव इतनी तेजी से था कि प्रधान रक्षक के निर्देश पर उस व्यक्ति के पास ही पहुंचा था कि वे कुछ दूर तक पहुंच गए, कमर में बंधी पट्टी को झाड़ियां से बांधा।

जान की बाजी बगावत करने वाले बैंगों थाने के प्रधान रक्षक ओक्लाहोमा डिक्सेना ने ताली बजाकर का उत्साहवर्धन किया। कंपनी के महासचिव उषा सोंधिया, प्रमुख संरक्षक अशोक खरे, अनिल पोर्ते, मानस मनी पैकरा और अन्य पुलिस कर्मचारी उपस्थित थे।

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