गोबर के ढेर से कोरबा के दौरीकलारी में फोटो डायरिया

पर प्रकाश डाला गया

  1. यहां जल जीवन मिशन का काम अधूरा है।
  2. मछली का पानी नहीं पीने की मनाही बताई गई है।
  3. पास के ही गांव चैतमा में मिले आठ लोग।

नईदुनिया न्यूज, पाली: दौरीकलारी में डायरिया का प्रकोप कम नहीं हो रहा है। यहां दो दिन के अंदर 43 मरीज मिल गए हैं। शुक्रवार को 23 नये मरीज मिले हैं, जिनमें से 13 को अस्पताल भेजा गया है। 10 आरोपियों का गांव में कैंप में इलाज चल रहा है। गांव में प्रिया की आपूर्ति वाले बोर के पास कुछ किसानों द्वारा गोबर इकट्ठा करने से पानी जमा हो गया है। इसी का कारण गांव में डायरिया गांव की बात कही जा रही है। इससे जुड़ी गेमप्ले का पानी नहीं पीने की हिदायत दी गई है।

जिले के दूरस्थ गांव डोरीकलारी के 37 पुजारियों के साथ एक बीमार व्यक्ति अस्पताल में भर्ती होने से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तक में भर्ती है। गुरुवार को यहां के परिसर में कैंप लगाने के बाद माना जा रहा था कि स्थिति पर नियंत्रण किया जा रहा है, लेकिन लाखों की संख्या में ही बढ़ोतरी हो रही है। बुज़ुर्ग ग्राम सागरपार वैलॉकपार के अलावा बुडबुड से भी मरीज मिले हैं। यहां दो डॉक्टरों और तीन नर्सों की ड्यूटी लगी है, यह आबादी की दृष्टि से पर्याप्त नहीं है। हेल्थकेयर सेंटर प्लेस्टेशन 30 की व्यवस्था है। बरामदे में साहित्यकार का इलाज चल रहा है। स्थिति यह है कि हाथी के झुंड में ही स्लाइन की बात चल रही है। गांव के कैंप में भी टेबल पर लिटाकर इलाज किया जा रहा है।

गांव में जल जीवन का काम अधूरा

यहां जल जीवन मिशन का काम अधूरा है। यहां छह महीने पहले ही काम शुरू हो गया है। ग्रामीण गाँव के बाहर बनी मज़मा पर माफिया हैं। गांव में प्रिया के लिए मंजिल का निर्माण कराया गया है लेकिन बोर खुदाई का काम बाकी है।

क्या कहते हैं ग्रामीण

डायरिया पीड़ित दौरीकलारी निवासी रामकुमार जगत का कहना है कि एक व्यक्ति के बीमार होने से सब डरे हुए हैं। शिविर में सामग्री की संख्या बढ़ानी चाहिए। यहां अस्पताल में सालगिरह का आलम है।

मरीज़ के स्वजन संजय मरावी का कहना है कि अस्पताल में सुविधा सुविधा नहीं है। दोस्त को कहीं भी अन्यत्र उपचार दिया जा रहा है। अतिरिक्त वार्ड की व्यवस्था की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि लोगों का चारित्रिक इलाज हो सके।

क्लिनिकल स्वास्थ्य केंद्र में हर संभव उपाय किये जा रहे हैं। एक साथ अधिक संख्या में भर्ती के स्थान पर होने वाली समस्या है। कुछ नए मरीज़ मिले हैं, कुछ मरीज़ स्वस्थ्य हो रहे हैं। स्थिति नियंत्रण में है। डोरीकलारी व चैतमा के भरूहामुड़ा में शिविर का उपयोग किया गया है।

-अनिल सराफ, खंड चिकित्सा अधिकारी, पाली।

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