नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। सहायक लोक अभियोजक की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने सचिव गृह विभाग के आदेश को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट ने दादागिरी को सचिव गृह विभाग के समक्ष अभ्यवेदन पेश करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने सचिव गृह विभाग को निर्देश दिया कि उपभोक्ताओं को राजस्व का पर्याप्त अवसर दिया जाए और विधि अनुरुप कार्रवाई की जाए।
राकेश कुमार सिंह, जिला बीजापुर में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी (ए डी पी ओ) के पद पर आपूर्ति की गई। उक्त पद स्थापना के दौरान उनके पुत्र का स्वास्थ्य खराब होने के कारण वे संचालनालय, लोक अभियोजन विभाग, रायपुर द्वारा आयोजित समीक्षा बैठक में उपस्थित नहीं हो सके। बिल्डर, लोक अभियोजक राजपूत ने राकेश कुमार सिंह को जेल में बंद कर दिया और बाद में उन्हें दोषी ठहराया। दंडादेश के सचिव, गृह विभाग के समग्र आवेदन प्रस्तुत की थी। एपिसोड की समीक्षा के बाद सचिव, गृह विभाग द्वारा अटार्किक और नान स्पीकिंग द्वारा अपील की गई। सचिव गृह विभाग के आदेश को चुनौती देते हुए पाइपलाइन ने उच्च न्यायालय बिलासपुर के माध्यम से नामांकित रीट फाइल दाखिल की थी। केस की समीक्षा जस्टिस संजय के अग्रवाल की सिंगल बेंच में हुई। यूट्यूब की ओर से पैरवी करते हुए डेडाइक ने कहा कि बिल्डर, लोक अभियोजन द्वारा पेश किए गए जवाब में जो पूरी तरह से विधिक और तथ्यों पर ध्यान ना देते हुए दिए गए आधार पर निंदा की सजा दी गई। अपीलीय अपीलीय सचिव, गृह विभाग ने अपीलीय अपीलकर्ता को बिना कारण बताए नोटिस जारी किया और अपीलीय अपीलकर्ता की सजा को सही ठहराया। मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय सचिव गृह विभाग द्वारा अतार्किक आदेश जारी कर निरस्त कर दिया गया है। अदालत ने सचिव, गृह विभाग को सुनवाई का साक्ष्य देने के निर्देश दिए हैं।