पर प्रकाश डाला गया
- निश्शुल्क ब्लूटूथकर प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का दे रहे संदेश।
- पिथौराथी में वहां से नारियल का खोल मिलाप किया जाता है बैरागी।
- सुंदर बैरागी पर्यावरण को एकजुट होने से बचाने का दे रहे संदेश।
रायपुर। प्राय: चाय थेलों में प्लास्टिक के गिलास, प्लास्टिक के कप का उपयोग चाय, पानी पीने में किया जाता है। प्लास्टिक कप, प्लास्टिक के कारण पर्यावरण का मिश्रण होता है। यह देखकर सुंदर सुंदर बैरागी ने नारियल के खोल से कप, टॉल्स्टॉय, मोज़े बनाया।
साथ ही घर को गहनों के लिए सजावटी शिखर भी बनाना शुरू करें। इन शीर्षों में हैंगर, कुंजी स्टैंड, बंधन छोड़ घर को बंधक। अब निश्शुल्क कप, धार्मिक आदि बाटकर पर्यावरण को समानता होने से बचाव का संदेश दे रहे हैं।
एक फ्रेमवर्क में रेलवे समुद्र तट बैरागी हैं, जो पांच साल पहले 15 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशवासियों से पर्यावरण को एकजुट होने से उबर का संदेश दे रहे थे।
उनके परामर्श से प्रेरित होकर मैंने पत्नी आशा, बेटी दुलिका, पुत्र रितेंद्र और मितुल बैरागी ने संकल्प लिया कि परिवार में प्लास्टिक डिस्पोजल टैंकर, कप का उपयोग नहीं करेंगे।
इसके अलावा बाजार से कोई भी सामान खरीदकर घर लाने के लिए कपड़े के थैले का ही उपयोग करें। इस संकल्प के बाद नारियल के खोल से कप, कटोरी बनाना रेसिपी।
नारियल की कटोरी निश्शुल्क बेच रहे
बैरागी परिवार के सभी सदस्य अपने खाली समय में कोको के खोल से कप, कटोरी, मोम, छोटा जग बनाते हैं। इसके लिए कई पेंटिंग्स में नारियल का खोल मिलाया जाता है।
भगवान को नारियल वाला नारियल शुद्ध होता है
बैरागी के शिष्य हैं कोको, भगवान को चकमा दिया जाता है। किसी का सम्मान करना हो तो नारियल का दाग माना जाता है, इसलिए यह शुद्ध माना जाता है। तट से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता।
उन्हें नारियल से बनीं नी का उपयोग करते हुए देखकर कई लोगों ने भी नारियल से बनी विभिन्न सामग्री बनाना शुरू कर दिया। इस बात की खुशी यह है कि लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक होने लगे हैं।
इसे देखकर हमने ‘ऐसा एक प्रयास सेवा टोली’ का गठन किया है। इससे कई लोग जुड़ रहे हैं। प्लास्टिक के बेहतर विकल्पों को देखते हुए कई लोग प्लास्टिक के पॉट बनाने की मांग कर रहे हैं।
उनके द्वारा किए जा रहे प्रयास से काफी हद तक प्लास्टिक का उपयोग कम हो रहा है।