उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय ग्रामीण अनाज मिशन के अधिकारी का सचिवालय आदेश जारी किया

ह्यूमन बेस पर जारी राहत, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव का नोटिस जारी

नईदुनिया न्यूज, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक बार फिर मानवीय आधार पर संवैधानिक निर्णय सुनाया है। अदालत ने राष्ट्रीय ग्राम्य निर्माण मिशन में सहायक अधिकारी चंद्रप्रकाश पात्रे के सचिवालय आदेश पर रोक लगा दी है। इस संबंध में न्यायालय ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

चन्द्रप्रकाश पात्रे का सचिवालय 14 अक्टूबर 2024 को आदेश जारी कर जिला पंचायत कांकेर में परियोजना अधिकारी के पद पर किया गया था। रॉबर्ट ऑर्डर को चुनौती देते हुए पात्रे ने क्रेटेश मतीन और नरेंद्र मेहर के माध्यम से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। रजिस्ट्री ने अदालत को बताया कि, उन्हें 2023 में मुख्य कार्यपालन अधिकारी से संबद्ध कर राष्ट्रीय ग्रामीण उत्पादक मिशन, नई रायपुर में विलायक के पद पर नियुक्त किया गया था और टैब से वे इस पद पर रेलवे हैं।

प्रतिनियुक्ति में सहमति नहीं बनी

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने 6 मार्च 2024 को आदेश जारी कर स्पष्ट किया था कि परियोजना अधिकारी का पद प्रतिनियुक्ति से भरा जाएगा। उन्होंने सुझाव दिया कि विक्रय को पहले राज्य शासन द्वारा उद्यमियों पर प्रतिनियुक्ति देने के लिए कोई सहमति नहीं है।

परिवार का दिया तलाक

ग्रोथ ने अदालत को बताया कि उनकी पत्नी बेमेतरा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में डेटा एंट्री के साथ आपके रेस्तरां के पैड पर नौकरियाँ हैं और उनका आठ महीने का कमरा है। इसके अलावा, उनके पिता पैरा बस और एक गंभीर कैंसर की बीमारी से पीड़ित हैं और उनकी मां के माता-पिता के साथ तीन जगहों पर दुर्घटना हुई है, जिनका इलाज चल रहा है।

कोर्ट ने दी ह्यूमन बेस पर राहत

जस्टिस जॉइनरी की एकल बेंच ने शेयरधारकों की सूची में से ले लिया और उद्योग आधार पर राज्य शासन के आदेश पर रोक लगा दी। इसके साथ ही सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

Keep Up to Date with the Most Important News

By pressing the Subscribe button, you confirm that you have read and are agreeing to our Privacy Policy and Terms of Use