आकाशीय बिजली की चपेट में आए युवाओं को घंटों के कचरे के ढेर में गले तक रखा गया

गोबर के मलबे में लेटे युवाओं को अस्पताल छोड़ दिया गया और दूसरी ओर छुई खदान में मलबा से हुई दो की मौत हो गई

पर प्रकाश डाला गया

  1. आकाशीय बिजली की चपेट में एक युवा से गंभीर था।
  2. गोबर के बहस में एबोटोनो घाट पोस्ट किया गया युवा बेकरी मंगवार।
  3. ग्राम जामदरा में छुई खदान धंसने से दो की मौत।

नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर : आकाशीय बिजली की चपेट में आए युवाओं को घंटों कचरे के ढेर में गले तक रखा गया। विकासखंड मुख्यालय के अस्पताल से लेकर शनिवार तक की पहुंच में देरी के कारण युवाओं की जीवन रक्षा के लिए यह उपाय किया गया। ऐसा माना जाता है कि गोबर का लेप आग की जलन को कम करता है।

मामला मैनपाट विकासखंड के ग्राम सुपलगा का है। यहां मंगलवार की रात का मौसम परिवर्तन और आकाशीय बिजली गिराने से लेकर ज्वालामुखी तक इसकी तीव्रता में वृद्धि हुई। आकाशीय बिजली जलने के कारण युवाओं की हालत काफी खराब हो गई थी। वह कुछ ही देर में अचेतन हो गई। युवाओं की स्थिति को देखते हुए स्वजन ने मैनपाट डेवलपमेंटब्लांड मुख्यालय स्थित मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य केंद्र से संस्थापक के लिए संपर्क किया। यहां से एबुंलेंस के आगमन में हो रही देरी को देखते हुए युवाओं को कचरे के ढेर में ग्लास तक रखा गया। ऐसा माना जाता है कि इससे झुलसे व्यक्ति को आग की जलन से राहत मिल जाती है। दूसरी ओर डॉक्टरों का कहना है कि किसी पीड़ित के साथ ऐसा करना खतरनाक है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

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छुई खदान धंसने से दो मृतकों की मौत

अंबिकापुर। लखनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम जामदरा में छुई खदान से दो अवशेषों की मौत हो गई।मृतक हीरामन यादव और गांव का ही शिवा यादव बुधवार सुबह बस्ती से एक किमी दूर बिजौरा नाले के पास से मिट्टी निकाल ले गए थे। मालबा के दौरान छुई जलधारा उनके ऊपर गिर गई। खंड़वाल में डबने से तीसरे हिस्से की मशीन पर ही मृत्यु हो गई। घटना की सूचना पर कुन्नी पुलिस चौकी के कर्मचारियों ने शव को बाहर निकालने में मदद की। दीपावली से पहले घर की पोटाई के लिए इस मिट्टी का उपयोग होता है

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