अमरकंटक पर्वत की सात दिवसीय वृहद परिक्रमा आज से

HighLights

  1. मैकल परिक्रमा कारिडोर का निर्माण की योजना
  2. आयोजक ने कहा परिक्रमा से विश्व स्तरीय पहचान देने यात्रा का उद्देश्य
  3. समापन 21 नवंबर को गणेश धूना अमरकंटक में

नईदुनिया न्यूज, पेंड्रा : अमरकंटक पर्वत की सात दिवसीय वृहद परिक्रमा 15 नवंबर से केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरुण साव स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल विधायक प्रणव मरपच्ची की अगुवाई में किया जाएगा। 70 किलोमीटर मैकल पर्वत की परिक्रमा का समापन 21 नवंबर को गणेश धूना अमरकंटक में होगा। बृजलाल सिंह राठौर के नेतृत्व में परिक्रमा की तैयारी की गई है।

उन्होंने कहा क्षेत्र में धर्मांतरण की सम्भावनाओं को जड़ मूल से खत्म करने। सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक, आर्थिक समरसता का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करना है। उन्होंने बताया कि मां नर्मदा मैकल पर्वत राज परिक्रमा की तैयारी के लिए मरही माता मंदिर गौरेला में बैठक हुई। इसमें अमरकंटक के संतों के सानिध्य में परिक्रमा करने का संकल्प लिया गया। इस यात्रा में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू , उप मुख्यमंत्री अरुण सा सहित अन्य शामिल होंगे।

गणेश धूना से शुभारभ, रात में जगतपुर में विश्राम

परिक्रम की शुरूआत कार्तिक पूर्णिमा को सुबह माई की बगिया अमरकंटक स्थित गणेश धूना से बालभोग के साथ होगी तथा रात में विश्राम भजन संकीर्तन मां नर्मदा के तटवर्ती घाट स्थित ग्राम जगतपुर कंरजिया में होगा। 16 नवंबर को यह यात्रा प्रारंभ होकर जोगीकुंड नर्मदा घाट करंजिया में विश्राम करेगी। 17 नवंबर को यात्रा प्रारंभ होकर जलेश्वर महादेव तीर्थ में विश्राम भोजन एवं संकीर्तन करेगी।

जलेश्वर महादेव में 18 को बालभोग

जलेश्वर महादेव तीर्थ से 18 नवंबर को बालभोग के साथ परिक्रमा पुनः प्रारंभ होगी तथा रात में विश्राम एवं भोजन पकरिया में होगा। 19 नवंबर को पकरिया से यात्रा माई के मंडप तक रहेगी तथा में के मंडप से 20 नवंबर को यात्रा प्रारंभ होकर ग्राम आमाडोब में रात में विश्राम के लिए रुकेगी। आमाडोब से 21 नवंबर की सुबह यात्रा प्रारंभ होकर गणेश धूना अमरकंटक माई की बगिया में परिक्रमा का समापन होगा तथा यहां पर कन्या पूजन कन्या भोजन, हवन पूजन भंडारा होगा। यात्रा के संयोजक महंत भगवान दास एवं यात्रा के संरक्षक सीताराम महाराज हैं। उन्होंने यात्रा के उद्देश्य बताते हुए कहा स्कंदपुराण के अनुसार पूरे पृथ्वी परिक्रमा का पुण्य मिलता है तथा इस परिक्रमा से सात जन्मों के पाप से छुटकारा मिलता है। मैकल परिक्रमा कारीडोर का निर्माण करवाने के उद्देश्य से किया गया है।

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