
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई एक मुलाकात का ज़िक्र किया है, जिसे वह कभी नहीं भूल सकतीं। विश्व कप जीत के बाद जब भारतीय टीम प्रधानमंत्री आवास पहुंची, तो उन्होंने दीप्ति के हनुमान जी के टैटू और उनके ‘जय श्री राम’ इंस्टाग्राम बायो पर ध्यान दिया। टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (Player of the Tournament) चुनी गईं दीप्ति ने कहा कि प्रधानमंत्री के शब्दों ने उन्हें बेहद खास और विनम्र महसूस कराया, और यह जानकर वे रोमांचित थीं कि वे उनके सफ़र को कितनी बारीकी से फॉलो करते हैं।
**पीएम मोदी की प्रेरणादायक बातें**
पीएम मोदी ने नई दिल्ली स्थित लोक कल्याण मार्ग पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम का स्वागत किया, जिसने हाल ही में अपना पहला आईसीसी महिला विश्व कप जीता था। प्रधानमंत्री ने खिलाड़ियों को उनकी ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई दी और चुनौतियों व आलोचनाओं के बावजूद उनके दृढ़ संकल्प की सराहना की।
दीप्ति ने बताया कि पीएम मोदी ने 2017 की एक पुरानी बातचीत को भी याद किया, जब उन्होंने दीप्ति को ‘असफलताओं को पीछे छोड़कर कड़ी मेहनत जारी रखने’ की सलाह दी थी। दीप्ति ने स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री की ये बातें उनके पूरे करियर में उनके साथ रहीं। उन्होंने कहा, “मुझे सालों पुरानी उनकी सलाह याद है। जब भी चीज़ें मुश्किल होती हैं, मैं उस बातचीत को याद करती हूँ। उनका शांत और संयमित रवैया मुझे गहराई से प्रेरित करता है।” उन्होंने आगे कहा, “इस बार उन्होंने हमसे कहा, ‘आगे बढ़ते रहो, कड़ी मेहनत करते रहो – मेरी शुभकामनाएं तुम सबके साथ हैं।’ यह हम सबके लिए बहुत मायने रखता है।”
**हनुमान टैटू का महत्व**
दीप्ति का हनुमान टैटू मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। यह उनकी अटूट आस्था और मानसिक शक्ति का प्रतीक है। जब पीएम मोदी ने टैटू के बारे में पूछा, तो दीप्ति ने जवाब दिया, “मैं खुद से ज़्यादा उन पर विश्वास करती हूँ। जब भी मैं किसी मुश्किल स्थिति में होती हूँ, मैं उनका नाम लेती हूँ, और मुझे लगता है कि मैं कुछ भी पार कर सकती हूँ।” यह टैटू, उनके ‘जय श्री राम’ बायो के साथ मिलकर, उनकी प्रतिस्पर्धी मानसिकता में आध्यात्मिकता के गहरे प्रभाव को दर्शाता है। दीप्ति के लिए, यह सिर्फ एक टैटू नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है।
**विश्व कप में दीप्ति का शानदार प्रदर्शन**
दीप्ति शर्मा ने विश्व कप में भारत की जीत में बल्ले और गेंद दोनों से अहम भूमिका निभाई। उन्होंने सात पारियों में 215 रन बनाए, जिसमें तीन अर्धशतक शामिल थे, और नौ मैचों में 22 विकेट लेकर सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाली खिलाड़ी रहीं। फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उन्होंने 58 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली और 39 रन देकर 5 विकेट लिए, जिससे भारत ने अपना पहला आईसीसी खिताब जीता। उनके लगातार शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार मिला और आईसीसी वनडे ऑलराउंडर रैंकिंग में वह चौथे स्थान पर पहुंच गईं।






