
एशेज सीरीज के दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट और जोफ्रा आर्चर ने इतिहास रच दिया। पहले दिन का खेल खत्म होने से ठीक पहले, इस जोड़ी ने न सिर्फ 44 गेंदें खेलीं, बल्कि 10वें विकेट के लिए 61 रनों की अटूट साझेदारी कर इंग्लैंड का स्कोर 325 तक पहुंचाया। यह कारनामा 100 साल पहले हुई एशेज की एक ऐसी ही उपलब्धि की याद दिलाता है।
जब इंग्लैंड ने अपना नौवां विकेट खोया, तब स्कोर 264 रन था और ऑस्ट्रेलिया में रूट के पहले टेस्ट शतक के बावजूद टीम का प्रदर्शन निराशाजनक लग रहा था। तभी जोफ्रा आर्चर क्रीज पर आए और उन्होंने रूट का साथ देते हुए ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की। दोनों ने मिलकर 10वें विकेट के लिए 61 रन जोड़े और इंग्लैंड को 9 विकेट पर 325 के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया।
ऑस्ट्रेलिया में एशेज टेस्ट के इतिहास में यह पहला मौका है जब 10वें विकेट की साझेदारी ने पहली पारी में 50 से अधिक रन बनाए हों। इससे पहले ऐसा 1925 में हुआ था, जब ऑस्ट्रेलिया के आर्थर माइली और जैक राइडर ने एडिलेड ओवल में अंतिम विकेट के लिए 73 रनों की साझेदारी कर टीम का स्कोर 416 से 489 तक पहुंचाया था।
समग्र रूप से, रूट और आर्चर की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया में किसी भी एशेज टेस्ट में 43 साल बाद यह उपलब्धि हासिल की है। इससे पहले 1982 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट में एलन बॉर्डर और जेफ थॉमसन ने 10वें विकेट के लिए 70 रन जोड़े थे।
इस साझेदारी से इंग्लैंड की स्थिति काफी मजबूत हो गई है, खासकर ऑस्ट्रेलिया में डे-नाइट टेस्ट मैचों के कम स्कोरिंग पैटर्न को देखते हुए। अब ऑस्ट्रेलिया को अपनी पहली पारी में शानदार बल्लेबाजी करनी होगी ताकि वे इस खेल में पिछड़ने से बच सकें। उन्हें दूसरे दिन की शुरुआत में ही इस साझेदारी को तोड़ने का प्रयास करना होगा।





