20 फरवरी (वार्ता) भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने अपने 2014 के इंग्लैंड दौरे को याद करते हुए कहा कि उन्होंने खुद को तब दुनिया का सबसे अकेला इंसान महसूस किया, जब वह 2014 में इंग्लैंड दौरे पर पांच टेस्ट मैचों में एक भी अर्धशतक नहीं बना पाए थे। वह इस दौरे को अपने करियर का सबसे खराब समय मानते हैं।
विराट ने नॉट जस्ट क्रिकेट पॉडकास्ट पर बातचीत के दौरान यह खुलासा किया। उन्होंने उस समय अपनी मानसिक स्थिति के बारे में कहा, ‘यह जानते हुए कि आप रन नहीं बना पा रहे हैं अच्छा नहीं लगता। मुझे लगता है कि सभी बल्लेबाज यह महसूस करते हैं कि कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जो हमारे नियंत्रण में नहीं होती। हम बस समझ नहीं पाते कि इस पर कैसे पार पाया जाए। इंग्लैंड 2014 का दौरा मेरे लिए एक ऐसा चरण था, जब मैं सचमुच चीजों को बदलने के लिए कुछ नहीं कर पा रहा था। यह नहीं कहा जा सकता कि मेरे पास लोग नहीं थे, लेकिन एक पेशेवर नहीं था जिसे मैं कुछ बता पाता और वह समझ पाता कि मैं क्या कर रहा हूं। मुझे लगता है कि यह एक बहुत बड़ा कारण था।’
विश्व के बेहतरीन बल्लेबाज ने कहा, ‘मैं ऐसी स्थितियों को बदलते देखना चाहता हूं। अगर आप किसी को ऐसी स्थिति में देखें तो उसके पास जाएं और उसके साथ बात करें। बहुत से खिलाड़ी लंबे समय तक इस परेशानी से गुजरते हैं। महीनों-महीनों या कई बार पूरे क्रिकेट सत्र तक ऐसा ही चलता रहता है और वे इससे बाहर नहीं आ पाते हैं। सच कहूं तो मैं मानता हूं कि ऐसे में समय में हमें एक पेशेवर की मदद की जरूरत होती है।’
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