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शोएब अख्तर ने कहा- रोहित शर्मा खुद से बदला ले रहे हैं; टेस्ट में उनके 10 हजार रन होना चाहिए थे

पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने रोहित शर्मा की प्रशंसा की है। अख्तर के मुताबिक, लंबे वक्त बाद रोहित ने खुद को पहचाना है और आप कह सकते हैं कि इस वक्त वो खुद से इसी बात का बदला ले रहे हैं। शोएब ने कहा कि अगर रोहित शुरू से ही टेस्ट क्रिकेट भी खेल रहे होते तो इस फॉर्मेट में आसानी से उनके कम से कम 10 हजार रन होते। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में रोहित ने तीन शतक लगाए हैं। इनमें एक दोहरा शतक भी शामिल है। 

रोहित महान हैं, यह अब सब मानेंगे
अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट वीडियो में शोएब ने कहा कि भारत के खिलाफ साउथ अफ्रीकी टीम ने समर्पण कर दिया है। रोहित की बात करते हुए शोएब ने कहा, “अब, हर कोई मानेगा कि रोहित शर्मा महान बल्लेबाज थे और महान बल्लेबाज हैं। उन्होंने वनडे और टी20 में में अपनी इच्छा के मुताबिक रन बनाए। लेकिन, उन्हें ये भी पता था कि वह एक बड़े मंच, यानी टेस्ट क्रिकेट में कुछ खो रहे हैं। अब वो खुद से इसी बात का बदला ले रहे हैं। बतौर टेस्ट बल्लेबाज उन्होंने 4 या 5 साल खोए। अगर ऐसा नहीं हुआ होता तो आज आराम से टेस्ट क्रिकेट में उनके 10 हजार रन होते और स्टीव स्मिथ को उन्होंने पीछे छोड़ दिया होता।”

ब्रेडमैन को पीछे छोड़ा
रोहित का अब घर में टेस्ट औसत 99.84 हो गया है। इस मामले में वो सर डॉन ब्रैडमेन को भी पीछे छोड़ चुके हैं। 32 साल के रोहित ने घर में खेली गईं 18 पारियों में 1298 रन बनाए हैं। इनमें 6 शतक और 5 अर्धशतक शामिल हैं। शोएब ने आगे कहा, “रोहित अगर इसी अंदाज में खेलता रहा तो वो जल्द ही एक पारी में 300 रन भी बना देगा। उसके अंदर कोई डर नहीं है। आप देखिए वो आसानी से टेस्ट इनिंग में भी 4 या 6 छक्के मार देता है। मेरी बात याद रखिए कि ये ऐसा बल्लेबाज है जो एक ही टेस्ट सीरीज में 1000 रन भी कर सकता है। वो अब ब्रांड बनने जा रहा है।” शोएब ने इसी वीडियो में अजिंक्य रहाणे की भी तारीफ की। 

एक टेस्ट सीरीज में 500+ रन बनाने वाले पांचवें भारतीय ओपनर हैं रोहित
रोहित द. अफ्रीका के खिलाफ एक सीरीज में 500+ रन बनाने वाले पहले भारतीय हैं। उनसे पहले 1996/97 में घरेलू सीरीज में मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 388 रन बनाए थे। रोहित एक टेस्ट सीरीज में 500+ रन बनाने पांचवें भारतीय ओपनर हैं। उनसे पहले वीनू मांकड़, बुधी कुंदरन, सुनील गावस्कर (पांच बार), वीरेंद्र सहवाग ऐसा कर चुके हैं।