आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार भले ही अपने बयान से यू-टर्न ले चुके हैं। मगर इस पर सियासत अब भी जारी है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार और दिल्ली के कांग्रेस नेता उदित राज ने इंद्रेश के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी। दोनों ही नेताओं ने बयान वापस लेने की अलग-अलग वजह अपनी तरफ से बताना शुरू कर दिया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता इंद्रेश कुमार के बयान पर सियासी बवाल थमता नहीं दिख रहा है। अब महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने इस पूरे मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इंद्रेश कुमार ने जो दिल में आया, वही कहा। हो सकता है कि उन पर दबाव रहा हो, इसलिए उन्होंने अपना बयान वापस लिया। मगर भारत जानता है कि अहंकार किसमें है, अहंकार की भाषा किसने बोली। किसने 400 पार और भगवान राम को लाने की बात की… जहां-जहां भगवान राम ने पैर रखे, वहां-वहां भाजपा हारी। यह उनकी (भाजपा की) करारी हार है।
‘जिम्मेदार नहीं बनना चाहते’
कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि चीजों को इस तरह से पेश किया गया कि नरेंद्र मोदी राम को लेकर आए। उन्होंने (इंद्रेश कुमार) उसी अर्थ में बात कही है, लेकिन बाद में उन्हें लगा होगा कि यह सरकार कभी भी गिर सकती है और वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं बनना चाहते। आरएसएस के पास भाजपा की तरह कई चेहरे हैं और अभी नहीं तो बाद में चीजें स्पष्ट हो जाएंगी।
क्या कहा था इंद्रेश कुमार ने?
राजस्थान के जयपुर के नजदीक कानोता में ‘रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह’ में इंद्रेश कुमार ने कहा था कि प्रभु राम सभी के साथ न्याय करते हैं। उनका न्याय बहुत विचित्र है। यह 2024 के चुनाव में भी देखने को मिला। जिन लोगों ने राम की भक्ति की, मगर उनमें अहंकार आ गया। प्रभु ने उनको सबसे बड़ी पार्टी तो बनाई, लेकिन वो शक्ति नहीं दी। हालांकि उन्होंने अपने भाषण में किसी भी दल का नाम नहीं लिया। उन्होंने आगे कहा कि विरोध करने वालों को भी प्रभु राम ने सबक सिखाया है। वे नंबर दो पर ही अटक गए हैं।