सिन्हा को दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण के साथ नोटिस का जवाब देना होगा। ऐसा न करने पर नेता के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी
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भाजपा सांसद जयंत सिन्हा को लोकसभा चुनाव के प्रचार में भाग नहीं लेने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
भारतीय जनता पार्टी के अनुसार, झारखंड के हजारीबाग से सांसद सिन्हा ने सोमवार (20 मई) को पांचवें चरण के दौरान अपना वोट भी नहीं डाला।
चुनाव के सिर्फ़ दो चरण बचे हैं और 543 सीटों में से 430 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं। पांचवें चरण में 60.48 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं झारखंड में 63.09 प्रतिशत मतदान हुआ।
कारण बताओ नोटिस में क्या लिखा है?
भाजपा ने 20 मई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
इसमें कहा गया है, “जब से पार्टी ने मनीष जायसवाल को हजारीबाग लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है, तब से आप संगठनात्मक कार्यों और चुनाव प्रचार में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं।”
इसमें कहा गया है कि सोमवार को जब हजारीबाग में मतदान हुआ तो नेता ने अपने मताधिकार का प्रयोग भी नहीं किया।
भगवा पार्टी ने कहा, ‘‘आपके आचरण के कारण पार्टी की छवि खराब हुई है।’’
अब सिन्हा को दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण के साथ नोटिस का जवाब देना होगा। ऐसा न करने पर नेता के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सिन्हा और भाजपा में मतभेद?
भाजपा के दिग्गज नेता सिन्हा को नागरिक उड्डयन मंत्रालय और वित्त मंत्रालय सहित महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने भगवा पार्टी से उन्हें चुनावी जिम्मेदारियों से मुक्त करने का अनुरोध किया है।
तृणमूल कांग्रेस के नेता यशवंत सिन्हा के बेटे सिन्हा ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में जलवायु परिवर्तन से निपटने में बड़ी भूमिका की मांग की। हालांकि, नेता ने आर्थिक और शासन जैसे मुद्दों पर पार्टी के लिए काम करना जारी रखने का इरादा जताया।
हजारीबाग से दो बार सांसद रहे सिन्हा की जगह मनीष जायसवाल को टिकट दिया गया है।
झारखंड में भी भाजपा को एक और झटका तब लगा जब पिछले सप्ताह सिन्हा के बेटे आशीष सिन्हा कांग्रेस में शामिल हो गए।
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