आशा की जाती है कि उन खबरों में कोई सच्चाई नहीं होगी जिनके तहत यह कहा जा रहा है कि सहयोगी दल अमुक-अमुक मांग रख रहे हैं। निःसंदेह यह समझ आता है कि घटक दल अपने राज्य के राजनीतिक एवं आर्थिक हितों की चिंता करें लेकिन ऐसा करते समय उन्हें राष्ट्रीय हितों को ओझल नहीं करना चाहिए। यह उन्हें भी सुनिश्चित करना चाहिए कि गठबंधन सरकार सुगम तरीके से चले। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन की तैयारी यही बता रही है गठबंधन सरकार आकार लेने जा रही है। देश में केंद्रीय स्तर 2009 के बाद पहली बार गठबंधन सरकार बनने जा रही है। चूंकि भाजपा बहुमत के आंकड़े से ज्यादा दूर नहीं है, इसलिए यह उम्मीद की जाती है कि तेलुगु देसम पार्टी, जनता दल-यू, शिवसेना समेत अन्य सहयोगी दलों के साथ उसके लिए सरकार चलाना कहीं अधिक आसान होगा। इसके बाद भी इतना तो है ही कि प्रधानमंत्री मोदी पहली बार गठबंधन सरकार का संचालन करेंगे।
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