वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने रविवार को विक्रवंदी विधानसभा उपचुनाव का बहिष्कार करने के लिए अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की आलोचना की और आरोप लगाया कि पार्टी ने एनडीए की चुनावी संभावनाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए शीर्ष स्तर से मिले निर्देश पर यह फैसला किया।
एक्स पर एक पोस्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इंडिया ब्लॉक को इस सीट पर डीएमके उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, “विक्रवंडी उपचुनाव का बहिष्कार करने का एआईएडीएमके का फैसला इस बात का स्पष्ट सबूत है कि उसे एनडीए उम्मीदवार (पीएमके) की चुनावी संभावनाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए ‘शीर्ष’ से निर्देश मिले हैं। भाजपा और एआईएडीएमके दोनों ही एक प्रॉक्सी (पीएमके) के माध्यम से लड़ाई लड़ रहे हैं। इंडिया ब्लॉक को डीएमके उम्मीदवार की शानदार जीत सुनिश्चित करनी चाहिए।” एआईएडीएमके ने 10 जुलाई को होने वाले विक्रवंडी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है।
इस वर्ष अप्रैल में डीएमके विधायक पुगाजेंथी (71) के निधन के कारण उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया था।
पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) ने घोषणा की है कि वह विक्रवंडी निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव के लिए सी अंबुमास को एनडीए उम्मीदवार बनाएगी। गौरतलब है कि पीएमके ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा के साथ गठबंधन किया था। तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने शनिवार को कहा कि भाजपा ने अन्नाद्रमुक को तीसरे स्थान पर धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि राजनीति में हर पार्टी को लड़ने की जरूरत होती है।
भाजपा नेता ने एएनआई से कहा, “यह बहुत स्पष्ट है कि भाजपा ने एआईएडीएमके को तीसरे स्थान पर धकेल दिया है। वे सभी जानते हैं कि हम बहुत मजबूत हैं और उन्हें डर है कि इन मध्यावधि चुनावों में उनकी पोल खुल जाएगी… एक विपक्षी दल के रूप में उन्हें यह चुनाव लड़ना चाहिए था। राजनीति में आपको लड़ने की जरूरत होती है। यह स्पष्ट है कि आप (एआईएडीएमके) लड़ने की इच्छाशक्ति खो चुके हैं।”
विल्लुपुरम जिले के अथियूर तिरुवथी के रहने वाले पुगाजेंथी 1973 में डीएमके में शामिल हुए थे। उन्होंने 1996 में कोलियानूर पंचायत संघ के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और राज्य मंत्री के पोनमुडी के पद से हटने के बाद उन्हें विल्लिपुरम जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
डीएमके विधायक ने डीएमके के राधामणि के निधन के बाद विक्रवंडी में 2019 का उपचुनाव लड़ा था, लेकिन वह सीट हार गए थे। पार्टी ने उन्हें 2021 में फिर से मैदान में उतारा, जिसमें उन्होंने एआईएडीएमके के आर मुथमिलसेल्वन को हराया।