सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या में राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले पर गुरुवार यानी आज सुनवाई करेगी. यह पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगी. सुनवाई को लेकर सुप्रीमकोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली इस पांच सदस्यीय संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति उदय यू ललित और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ शामिल हैं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने जिस तरह से नए बेंच का गठन किया है, इससे साफ जाहिर है कि इस मामले को कोर्ट साधारण भूमि विवाद की तरह नहीं देख रहा है.
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने गत वर्ष 27 सितंबर को 2:1 के बहुमत से मामले को सुप्रीम कोर्ट के 1994 के एक फैसले में की गई उस टिप्पणी को पुनर्विचार के लिए पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से मना कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है. मामला अयोध्या भूमि विवाद मामले पर सुनवाई के दौरान उठा था.
बता दें कि अयोध्या मामला 1950 से कोर्ट में है, लेकिन अब संविधान पीठ के गठन के बाद फैसले की उम्मीद जागी है. कानून के जानकारों का कहना है कि इस मामले को साधारण भूमि विवाद की जगह राष्ट्रीय मसले के तौर पर देखा जाएगा. ये मुद्दा धर्म से जुड़ा हुआ तो इसकी संवैधानिक पहलुओं की समीक्षा भी हो सकती है.
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