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पं. भंवरलाल शर्मा को मंत्री नहीं बनाया तो नुकसान में रहेगी कांग्रेस!

राजस्थान के मंत्रिमंडल में आल इंडिया ब्राह्मण फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रमुख ब्राह्मण नेता पं. भंवरलाल शर्मा को शामिल नहीं किए जाने को लेकर राजस्थान के ब्राह्मण समाज में भारी नाराजगी है. कई जिलों में इसको लेकर विरोध भी दर्ज करवाया गया है और विरोध प्रदर्शन भी किया गया है.

राजस्थान में ब्राह्मण शुरू से ही कांग्रेस के साथ रहे थे, लेकिन पिछले विस चुनाव के दौरान ब्राह्मण मतदाताओं ने भाजपा का साथ दिया और नतीजे में भाजपा को बड़ी कामयाबी मिली. पं. शर्मा लंबे समय से वर्तमान आरक्षण व्यवस्था जारी रखते हुए सामान्य वर्ग के युवाओं को आर्थिक आधार पर आरक्षण का अभियान चला रहे थे. युवाओं को भरोसा था कि यदि शर्मा मंत्री बने तो उनके सपने साकार हो सकते हैं, यही वजह है कि इस बार विस चुनाव के दौरान ब्राह्मणों ने ही नहीं, सामान्य वर्ग ने भी कांग्रेस में अपना भरोसा जताया.

उधर, भारत के एकत्तीस राज्यों के सामाजिक संगठनों ने कांग्र्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से मांग की है कि- राजस्थान के नवगठित मंत्रिमंडल में विस्तार कर राजस्थान ब्राह्मण महासभा के प्रदेश अध्यक्ष, सातवीं बार चुनाव जीत कर राजस्थान विधानसभा में पहुंचने वाले एमएलए और 2013 की भाजपा लहर में भी सरदार शहर से भारी मतों से विजय पताका फहराने वाले पं. भंवरलाल शर्मा को शामिल किया जाए.

इधर, ब्राह्मण फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री डाॅ. प्रदीप ज्योति और राजस्थान ब्राह्मण महासभा के प्रदेश महामंत्री डाॅ. ओपी शर्मा ने देश-प्रदेश के ब्राह्मण समाज प्रतिनिधियों से घैर्य बनाये रखने का आग्रह करते हुए कहा है कि- सभी की भावनाओं से राहुल गांधी सहित प्रमुख नेताओं को अवगत करवाया जा रहा है तथा उन्हें विश्वास है कि जल्दी ही पं. शर्मा को सरकार में बड़ी और सम्मानजनक जिम्मेदारी मिलेगी. ब्राह्मण फेडरेशन के राष्ट्रीय महामंत्री डाॅ. प्रदीप ज्योति, पूर्व अध्यक्ष और सरंक्षक कोटाशंकर शर्मा, रमेशचन्द्र शर्मा, देवेन्द्र शर्मा, वरिष्ठ पदाधिकारी चन्द्रशेखर शर्मा, पदमप्रकाश शर्मा, ओपी शुक्ला, शेखर शर्मा, केसी दवे, श्रीभगवान शर्मा, जयकृष्णदास शर्मा, केशवराव कोंडापल्ली, मोहनप्रकाश शर्मा, अश्विनी तिवारी, सुरेश द्विवेदी, राजन उन्नी, प्रभात मिश्रा, एमएस थिरूवला, एमएनएस शास्त्री, लक्ष्मीनारायण केजी, अश्विनी शर्मा, रमेश ओझा, लोकेन्द्र शर्मा, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्षा एन मालिनी, युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष वायएन शर्मा तथा राब्राम के प्रदेश सभाध्यक्ष सुभाष पराशर, प्रमुख महामंत्री डाॅ. ओपी शर्मा, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष वैद्य हनुमानसहाय चोटिया, राधेश्याम जैमीनी, ललित मिश्रा, वरिष्ठ नेता व ब्रह्मघोष के संपादक घनश्याम शर्मा, युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष मधुसूदन शर्मा, प्रदेश महामंत्री प्रेमसुख पारीक, वरिष्ठ नेता एसके शर्मा महिला प्रकोष्ठ अध्यक्षा श्रीमती सरस्वती गौड आदि ने पं. शर्मा की सेवाओं को सम्मान देने का आग्रह किया है.

उदयपुर संभाग से उदयपुर के जिलाध्यक्ष किशन त्रिवेदी, नगर अध्यक्ष शिवशंकर पालीवाल, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य महेश श्रीमाली, बांसवाड़ा जिलाध्यक्ष चन्दूलाल उपाध्याय, महामंत्री महेश पण्डया, प्रवक्ता विजयकृष्ण वैष्णव, डूंगरपुर से प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मोहनलाल पंड्या, जिलाध्यक्ष भंवरलाल पंड्या, प्रतापगढ, राजसमन्द, चित्तौडगढ़, भीलवाड़ा आदि इकाइयांे के प्रदेश/जिला पदाधिकारियोें ने भी पं. शर्मा कोे राजस्थान सरकार के कैबिनेट में सम्मानजनक स्थान देकर शामिल करने का आग्रह किया है. महासभा के महिला प्रकोष्ठ की ओर से भी हर जिले से मुख्यमंत्री कोे सम्बोधित ज्ञापन भेजने की घोषणा प्रकोष्ठ की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती सरस्वती गौड ने की है.

बहरहाल, यदि पं. भंवरलाल शर्मा को मंत्रिमंडल में सम्मानजनक स्थान नहीं दिया जाता है तो इसका नुकसान अगले आमचुनाव सहित विभिन्न चुनावों में होगा!