अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदा मामले में वांछित ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए मंगलवार को दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ले जाया गया. मीडिया की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है.
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उसे मंगलवार रात को दुबई लाया जाना तय है. ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल दुबई की जेल में बंद था. दुबई एयरपोर्ट से उसे रवाना किया जा चुका है. भारत आने पर उसे सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा.
जून 2016 में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी चार्जशीट में मिशेल के खिलाफ आरोप तय किया था कि उसने अगस्ता वेस्टलैंड से 235 करोड़ रुपये रिश्वत लिए थे. प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो के द्वारा इस जांच में मिशेल तीन बिचौलियों में से एक है. इसके अलावा दो अन्य नाम गुइडो हैश्के, कार्लो गेरोसा हैं.
पिछले साल, सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल ने मिशेल, गुइडो हैश्के और कार्लो गेरोसा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था.
ईडी ने इस साल जनवरी में संयुक्त अरब अमीरात प्रशासन से मिशेल को प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया था. ईडी और सीबीआई दोनों ने भारतीय अदालतों में रिश्वतखोरी के मामलों में आरोप-पत्र दायर किए थे और आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे.
भारतीय जांच एजेंसियों के मुताबिक, अगस्ता वेस्टलैंड को हेलिकॉप्टर का ठेका सुनिश्चित कराने के लिए मिशेल को कम से कम 235 करोड़ रुपये बतौर रिश्वत प्राप्त हुए थे. उसने इस सिलसिले में बार-बार भारत की यात्रा की थी. उसने वर्ष 1997 से 2013 के बीच भारत की 300 यात्राएं की थी.
जुलाई में सीबीआई ने फाइल की थी चार्जशीट
सीबीआई ने अपने आरोप-पत्र में घोटाले में शामिल चार भारतीयों- भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस पी त्यागी, उनके चचेरे भाई संजीव त्यागी, वायुसेना के तत्कालीन वाईस चीफ जे एस गुजराल और वकील गौतम खेतान के नाम को शामिल किया था. आरोप-पत्र में खेतान को इस सौदा के पीछे का मुख्य व्यक्ति बताया गया था.
आरोप-पत्र में शामिल अन्य लोगों में बिचौलिए मिशेल, हैश्के और गेरोसा के अलावा इटली की रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र की प्रमुख कंपनी फिनमेक्के निका के पूर्व प्रमुख गियुसेप्पे ओरसी और अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रुनो स्पैग्नोलिनी के नाम शामिल थे.
उल्लेखनीय है कि भारत ने करार की शर्तों के कथित उल्लंघन और 423 करोड़ रुपये रिश्वत देने के आरोपों में एक जनवरी, 2014 को फिनमेक्के निका की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ करार रद्द कर दिया था. यह करार वायुसेना को 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए था.
सीबीआई के मुताबिक, त्यागी ने करार के बिंदुओं में बदलाव के लिए कथित रूप से बिचौलियों और कई देशों में स्थित कंपनियों के एक नेटवर्क के माध्यम से अगस्ता वेस्टलैंड से करोड़ों रुपये रिश्वत लिए थे. हेलिकॉप्टरों की उड़ान क्षमता मूल रूप से प्रस्तावित 6,000 मीटर से घटा कर 4,500 मीटर कर दी गई और केबिन की ऊंचाई घटाकर 1.8 मीटर कर दी गई थी.
ये दोनों बदलाव कथित रूप से सौदे को अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में करने के लिए किए गए थे, जिसने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी को ढोने के लिए आईएएफ के कंम्यूनिकेशंन स्क्वाड्रन के लिए 12 हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति का ठेका हासिल कर लिया था.
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