ऐसे कांग्रेस और भरतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एक-दूसरे के घुर विरोधी हैं लेकिन देश का एक राज्य ऐस भी है जहां दोनों मिल कर सरकार बना सकते हैं. इसकी संभावना अभी से व्यक्त की जाने लगी है. मसलन यह पहली बार होगा और इसे नया प्रयोग भी कहा जा रहा है. आपको बता दें कि देश के 5 राज्यों-मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं. मिजोरम उत्तरपूर्व का एकमात्र राज्य है, जहां कांग्रेस की सरकार बची हुई है और भाजपा को वहा अभी अपना खाता खोलना बांकी है. उत्तर-पूर्व के रुझान को देखें तो भाजपा इन दिनों वहां मजबूत हुई है. लिहाजा मिजोरम विधानसभा का चुनाव इस बार काफी दिलचस्प होने की उम्मीद है.
कांग्रेस जहां उत्तर पूर्व के इस एकमात्र राज्य में अपनी सरकार बचाने की पूरी कोशिश कर रही है, वहीं कई उत्तर पूर्वी राज्यों में अपनी जीत दर्ज करा चुकी जी-जान लगाकर मैदान में उतर चुकी है. यही वजह है कि भाजपा ना सिर्फ मिजोरम में अपनी जीत का खाता खोलने के बारे में सोच रही है, बल्कि वह यहां सरकार बनाने की संभावनाएं भी लताशना शुरू कर दी है. भाजपा नेता एवं असम के कैबिनेट मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने बताया है कि उनकी पार्टी चुनावों के बाद कांग्रेस के विधायकों के साथ ही कांग्रेस नेता और मिजोरम के मुख्यमंत्री पी. ललथनहवला से भी बातचीत कर सकती है.
ईसाई बहुल इस पर्वतीय प्रदेश में भाजपा अकेले चुनाव मैदान में है और कभी भी यहां से उसका एक भी उम्मीदवार आजतक नहीं जीत पाया है. भाजपा भी ये बात जानती है और चुनाव के बाद गठबंधन के सभी विकल्पों पर विचार करना जरूरी है. भाजपा नेता हेमंत बिस्वा सरमा ने भी बातचीत में इसी ओर इशारा किया है. यहां की पस्थिति को ध्यान में रखकर सरमा का बयान बेहद महत्व रखता है. ऐसी भी खबरें हैं कि भाजपा मिजोरम के मुख्य विपक्षी दल एमएनएफ से भी चुनावों के बाद गठबंधन कर सकती है. गठबंधन की पुष्टि मिजोरम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने भी की है. मिजोरम के भाजपा अध्यक्ष जेवी लूना ने साफ-साफ कहा है कि हम कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने का विकल्प भी खोल कर रखे हुए हैं. इस बयान के बाद प्रदेश और देश में भूचाल आ गया है.
उत्तर पूर्व में अपना एकमात्र किला बचाने की कोशिशों में जुटी कांग्रेस के लिए पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को एक रैली भी की. इस रैली में राहुल गांधी ने भाजपा को जमकर निशाने पर लिया. वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मिजोरम के दौरे पर हैं. आगामी 22 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मिजोरम दौरा करेंगे. बता दें कि मिजोरम में 28 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जिसके लिए चुनाव प्रचार चरम पर है.
हालांकि भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे के घुर विरोधी हैं लेकिन इस राज्य की पस्थिति ही कुछ ऐसी है कि दोनों दलों को अपनी प्रतिबद्धताओं से समझौता करना पड़ सकता है. अगर ऐसा हुआ तो यह भारत के राजनीतिक इतिहास का पहला मौका होगा.
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