Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

राज्यसभा में अब BJP सबसे बड़ी पार्टी, क्या इस वजह से हुई BSP के अंबेडकर की हार?

 के 17 राज्यों में 59 राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव के बाद बीजेपी उच्चसदन में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है.10 राज्यों की सीटों पर 33 सदस्य पहले ही निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे. शुक्रवार को हुई 7 राज्यों की 26 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी ने 12 सीटों पर जीत हासिल की है. 1980 में बीजेपी की स्थापना हुई थी. संख्याबल के लिहाज से राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनने में उसे 38 साल लग गए. शुक्रवार देर रात तक आए नतीजों के बाद इतिहास में बीजेपी ने पहली बार बीजेपी ने 73 सीटों का आंकड़ा पार कर लिया है.
बीजेपी द्वारा जीती गई 12 सीटों में उत्तर प्रदेश में बीजेपी द्वारा 9वें प्रत्याशी के तौर पर उतारे गए अनिल अग्रवाल भी शामिल है. 9वीं सीट बीजेपी की अतिरिक्त सीट भी थी, जिस पर पूरे दिन हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. सपा और कांग्रेस ने मिलकर बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को समर्थन कर रही थी. सत्ताधारी बीजेपी और विपक्ष एक-दूसरे पर क्रॉस वोटिंग के आरोप लगाती रही. आखिरकार बाजी बीजेपी के हाथ लगी.
उत्तर प्रदेश से 9 और झारखंड से एक, छत्तीसगढ़ से एक और कर्नाटक से एक सीट के साथ 12 राज्यसभा सीटें बीजेपी ने शुक्रवार को जीत हासिल की है. इस तरह बीजेपी ने पहले इस बार 10 सीटें अधिक जीती है. इन राज्यों में पहले पार्टी के पास महज पास सिर्फ 2 सीटें थी, जो अब बढ़कर 12 हो गई हैं.
बीजेपी से जीतने वाले सदस्य
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश से केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, जीवीएल नरसिंह राव, कांता कर्दम, डा अनिल जैन, अशोक वाजपेयी, विजय पाल तोमर, हरनाथ सिंह यादव, सकलदीप राजभर और अनिल अग्रवाल  ने जीत दर्ज की है. इसके अलावा कर्नाटक से बीजेपी के राजीव चंद्रशेखर, छत्तीसगढ से सरोज पांडेय और झारखंड से समीर ओरन ने जीत दर्ज की है.
राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत से उच्चसदन में पार्टी सख्या बल अब 73 हो गई है. जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस का राज्यसभा मे संख्या कम हो गई है. पहल बार है की राज्यसभा में कांग्रेस की संख्या इतनी कम हुई है.

बीजेपी यूपी की राज्यसभा चुनाव में मिली जीत को गोरखपुर और फूलपुर में लोकसभा उपचुनाव में मिली हार के पराजय की भरपाइ के तौर पर देख रही है. बीजेपी नेताओं ने तो बकायाद कहा कि उपचुनाव का हिसाब बराबर किया है. बता दें कि योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य की लोकसभा सीट पर पिछले दिनों हुए उपचुनाव में बसपा के समर्थन से सपा ने जीत दर्ज की थी.

उत्तर प्रदेश में विधायकों की संख्या के लिहाज से बीजेपी की आठ सीटों पर जीत तय थी. इसके बाद बीजेपी गठबंधन के 28 वोट अतरिक्त बढ़ रहे थे. ऐसे में बीजेपी ने 9वें उम्मीदवार के तौर पर अनिल अग्रवाल को राज्यसभा चुनाव में उतारा था. जबकि सपा के विधायकों की संख्या पर एक सीट तय थी. इसके बाद किसी भी दल के पास अपने बूते पर राज्यसभा की एक सीट जीतना की संख्या नहीं थी.
बसपा ने सपा और कांग्रेस के समर्थन से अपनी उम्मीदवार उतारा था. लेकिन बीजेपी के 9वें उम्मीदवार के उतरने से चुनाव दिलचस्प हो गय़ा था. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से दसवीं सीट जीतने के लिए हरसंभव कोशिश की गई. क्रास वोटिंग का मामला सामने आया. इसके अलावा बीएसपी के एक और एक सपा विधायकों जेल में बंद होने के चलते वोट डालने की अनुमति नहीं मिली. इसी का नतीजा था कि दसवीं सीट पर विपक्ष के साझे उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को हार का मुंह देखना पड़ा.