दो साल पहले तक महादेव घाट के किनारे कार्तिक पूर्णिमा पर डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं को परेशानी झेलनी पड़ती थी। आस्था के चलते घाट पर गंदगी के बीच ही डुबकी लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता था। पिछले साल जब पहली बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ी परंपरा को निभाने के लिए डुबकी लगाने पहुंचे थे, तब आनन-फानन में घाट की सफाई की गई थी और श्रद्धालुओं को साफ पानी मे स्नान करने में आसानी हुई थी।
इस साल भी मुख्यमंत्री पुण्य की डुबकी लगाने के लिए महादेव घाट पर पहुचेंगे, इसलिए सफाई व्यवस्था तीन दिन पहले से ही शुरू कर दी गई है। घाट चका-चक किया जा रहा है, ताकि मुख्यमंत्री को स्नान करने में परेशानी न हो। बताते चलें कि दो साल पहले तक कार्तिक पूर्णिमा पर ऐसी स्थिति होती थी कि घाट में घुटने तक भी पानी नहीं होता था। जैसे तैसे श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाते थे। अब मुख्यमंत्री के स्नान करने से घाट में इतना पानी है कि उसमें डूब-डूब कर नहाया जा सकता है।
महादेव घाट के किनारे रहने वाले लोग खुश हैं और चाहते हैं कि हर साल मुख्यमंत्री स्नान करने आएं, ताकि अधिकारी और कर्मचारी सजग रहें और घाट की सफाई बनी रहे।
महादेव घाट इलाका जिस विधानसभा क्षेत्र में आता है, उस पश्चिम विधानसभा के विधायक विकास उपाध्याय ने स्वयं घाट के किनारे खड़े रहकर सफाई करवाई है। साथ ही आदेश दिया है कि मुख्यमंत्री के स्नान के दौरान किसी भी तरह की अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री के आने से घाट पर विशेष रौनक रहेगी।
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