मुख्यमंत्री के नरवा कार्यक्रम को केन्द्र सरकार पुरस्कृत करेगी। नरवा कार्यक्रम के तहत पिछले दो साल में नदी-नालों के पुनरोद्धार के लिए किए गए संरक्षण एवं संवर्धन के लिये दोनों जिलों को सन् 2019 का नेशनल वाटर अवार्ड प्रदान किया जाएगा। इसमें बिलासपुर जिले को ईस्ट अण्डर रिवाइवल ऑफ रिवर कैटेगरी में और सूरजपुर जिले को ईस्ट अण्डर वाटर कन्जर्वेशन कैटेगरी पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।
छत्तीसगढ़ की चार चिन्हारी ‘नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी’ ऐला बचाना हे संगवारी के विजन के साथ प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया जीवन प्रदान जो बीड़ा उठाया है। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना का एक महत्वपूर्ण घटक नरवा कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी जिलों में बड़ी संख्या में नदी और नालों के संरक्षण और संवर्धन के कार्य किए जा रहे हैं। नरवा कार्यक्रम के तहत बिलासपुर जिले में विभिन्न नदियों एवं नालों में 47 स्ट्रक्चर्स का निर्माण किया एवं 17.508 मिलियन घन मीटर जल भराव क्षमता का सृजन किया गया तथा 152 किलोमीटर लम्बाई तक नदियों एवं नालों में जलभराव सुनिश्चित किया गया।
जल संसाधन विभाग ने एक वृहद, एक मध्यम तथा 165 लघु जलाशय एवं 117 एनिकट का निर्माण किया गया है। कुल 1146.90 किलोमीटर नदी नालों का पुनरोद्धार जल संसाधन विभाग ने किया है।जल संरक्षण और भूमिगत जल के स्तर को उठाने के लिए डबरी महाभियान कार्यक्रम चलाया गया। जिसमें हितग्राही मूलक डबरी, कूप के अलावा छोटे-बड़े नालों का चिन्हांकन कर उन्हें पुर्नजीवित करने के गैवियन, लुज बोल्डर चेक डेम, व्रश वुड जैसे संरचना का निर्माण किया गया। डबरी महाभियान के तहत पिछले दो सालों में लगभग 7 हजार डबरी और 4200 कूप का निर्माण किया गया है। इसमें लगभग 18 हजार एकड़ भूमि सिंचित हुई और किसान साल भर में दो बार फसल लेने लगे है। इसके अलावा पिछले दो साल में छोटे-बड़े नालों का चिन्हांकन कर उन्हें पुर्नजीवित करने का कार्य शुरू किया
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