महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को खोले जाने की मांग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में राज्य में कोरोना की स्थिति को लेकर चिंता जताई. प्रधानमंत्री पूर्व केंद्रीय मंत्री बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा के विमोचन के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सहित विखे पाटिल परिवार के सदस्य भी मौजूद थे.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कृषि व सहकारिता के साथ समाज सेवा के क्षेत्र में पाटिल परिवार के योगदान की जमकर सराहना की और कहा कि डॉक्टर विट्ठलराव विखे पाटिल के पदचिन्हों पर चलते हुए बालासाहेब विखे पाटिल ने महाराष्ट्र के विकास के लिए खुद को समर्पित कर दिया था. अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बालासाहेब के पूरे परिवार को बहुत आदर के साथ… क्योंकि चार पीढ़ी समाज सेवा में लगे रहे। ये छोटी बात नहीं है जी और खुशी की बात यह है कि हर पीढ़ी ज्यादा कर रही है, अच्छा कर रही है.”
उन्होंने किसी का नाम लिये बिना कटाक्ष किया, ‘‘वरना हम जानते हैं, कुछ पीढि़यां ऐसी हैं, एक पीढ़ी के बाद दूसरी पीढ़ी थोड़ी कम ताकतवर नज़र आती है, तीसरी पीढ़ी और कमजोर नजर आती है और धीरे-धीरे ‘डिटारिएशन (क्षरण)’ दिखता है. जबकि बालासाहेब (विखे पाटिल) के संस्कार ऐसे रहे हैं कि उनकी सब पीढ़ी उत्तरोत्तर अधिक शक्तिशाली, संस्कारों के साथ जनसेवा में लगी रहती है, ऐसे परिवार को भी आज प्रणाम करने का अवसर है.”
प्रधानमंत्री से पहले इस कार्यक्रम को ठाकरे और फड़णवीस ने भी संबोधित किया था. मालूम हो कि बालासाहेब विखे पाटिल पद्मश्री से विभूषित विट्ठलराव विखे पाटिल के पुत्र हैं. विट्ठलराव पाटिल ने महाराष्ट्र के लोनी में एशिया का पहला सहकारी चीनी मिल स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
इस परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य हैं राधाकृष्ण विखे पाटिल. वह महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उनके पुत्र सुजय विखे पाटिल राज्य की अहमदनगर लोकसभा सीट से भाजपा सांसद हैं.
मोदी ने अपने संबोधन के दौरान महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति पर भी अपनी बात रखी और लोगों से बचाव के हर उपाय अपनाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अपनी बात समाप्त करने से पहले मैं आप लोगों से एक बात कहना चाहूंगा। विशेषकर महाराष्ट्र के लोगों से तो जरूर कहना चाहूंगा। कोरोना का खतरा अभी भी बना हुआ है। महाराष्ट्र में यह चिंता जरा ज्यादा है।”
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