राज्य सरकार द्वारा लिए गए दूरदर्शितापूर्ण निर्णयों से कोरोना संकट काल में भी छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास को गति मिली है। राज्य सरकार द्वारा उद्योगों को बिजली दर में रियायत, अनुदान सहायता, विभिन्न स्वीकृतियां प्रदान करने की सरल और सुविधाजनक व्यवस्था के साथ स्थानीय उद्योगांे के उत्पादों को प्राथमिकता देने जैसे अनेक संवेदनशील फैसलों ने छत्तीसगढ़ के उद्योग जगत के लिए संजीवनी का काम किया है। कोरोना के दौर में जब पूरे देश में औद्योगिक गतिविधियां थमी हुई थी, तब छत्तीसगढ़ के कोर सेक्टर के उद्योगों में उत्पादन जारी रहा। माह अप्रैल के आखरी सप्ताह में कोर सेक्टर के अलावा अन्य उद्योगों में भी उत्पादन की गतिविधियां प्रारंभ हो चुकी थी।
वर्ष 2019 सितंबर माह में छत्तीसगढ़ में जीएसटी कलेक्शन 1490 करोड़ रुपए था, जो वर्ष 2020 सितंबर माह में कोरोना संकट के बावजूद बढ़कर 1841 करोड़ रुपए हो गया। इस वर्ष जनवरी 2020 से जून 2020 तक 848 औद्योगिक इकाईयों द्वारा 14 हजार 983 करोड़ का पूंजी निवेश कर उद्योगों में 15 हजार 424 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा पूरी संवेदनशीलता के साथ उद्योगों के हित में लगातार निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्वयं लाॅकडाउन की अवधि में समय-समय पर अलग-अलग सेक्टर के उद्योग के प्रतिनिधियों से रू-ब-रू चर्चा कर उनकी समस्या जानी और समस्याओं के निराकरण के लिए त्वरित निर्णय लिए। हाल ही में आयोजित केबिनेट की बैठक में भी उद्योगों के संबंध में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। उद्योगों को लीज पर दी गई भूमि में उद्योग लगाने के लिए निर्धारित अवधि में एक वर्ष की वृद्धि की गई। पट्टे पर आबंटित औद्योगिक भूमि उपयोग न हो पाने के प्रकरणों में भूमि के हस्तांतरण को आसान बनाया गया। नये बायो इथेनाॅल प्लांट लगाने के लिए अर्लीबर्ड अनुदान के लिए 18 महीने की समयावधि निर्धारित की गई। पहले एम.ओ.यू. के बाद छह माह के भीतर उत्पादन शुरू करने पर अर्लीबर्ड अनुदान देने का प्रावधान रखा गया था। इस अवधि को बढ़ाकर अब 18 माह कर दिया गया है।
राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक नीति 2019-24 में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति वर्ग के उद्यमियों तथा स्टार्टअप के लिए स्पेशल पैकेज घोषित किया गया है। औद्योगिक नीति 2019-24 में स्थापित होने वाले उद्योगों को विस्तार और शवलीकरण के लिए अनुदान छूट एवं रियायतों की पात्रता का अनुमोदन भी मंत्रिपरिषद की बैठक में किया गया। सूक्ष्म उद्योगों के साथ-साथ लघु एवं मध्यम उद्योगों को भी स्थाई पूंजी निवेश अनुदान की सुविधा देने का निर्णय लिया गया है। कोर सेक्टर के उद्योगों को पूरे राज्य में विद्युत शुल्क छूट की पात्रता दी गई। बिजली में सब्सिडी मिलने से इस्पात सहित कोर सेक्टर के उद्योगों को नई संजीवनी मिली है।
इससे इन कोर सेक्टर के उद्योगों को देश भर के मार्केट का लाभ मिलेगा। राज्य सरकार द्वारा कृषि आधारित ग्रामीण उद्योगांें को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य प्रसंस्करण मिशन की अवधि 31 अक्टूबर 2024 तक बढ़ाई गई। इस मिशन में वन अधिकार अधिनियम पट्टाधारी एवं सामुदायिक तथा वन संसाधन अधिकार प्राप्त ग्रामों को विशेष प्राथमिकता देने का अनुमोदन किया गया है। स्पंज आयरन एवं स्टील सेक्टर के उद्योगों के लिए बी-स्पोक पालिसी के तहत विशेष पैकेज घोषित करते हुए, क्षेत्रवार छूट की सीमा 60 प्रतिशत से 150 प्रतिशत तक कर दी गई है।
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