मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में 10 प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों को अग्निपथ योजना की समीक्षा करने और इस स्कीम को अधिक आकर्षक व कारगर तरीके सुझाने का काम सौंपा है। केंद्र सरकार जल्द से जल्द इसकी हर कमी को दूर करना चाहती है। दूसरी ओर भारतीय सेना ने भी एक इंटरनल सर्वे किया है जिसमें अग्निपथ योजना में कुछ बदलाव करने की सिफारिश की है।
मोदी सरकार की ओर से युवाओं के लिए साल 2022 में लाई गई अग्निपथ योजना का खासा विरोध हुआ। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में विपक्ष दलों के नेताओं ने अग्निपथ योजना को चुनावी मुद्दा बनाया था। इस योजना को किसी भी हाल में स्वीकार न करने और आईएनडीआईए की सरकार बनते ही खत्म करने का वादा किया था। हालांकि, आईएनडीआईए की सरकार तो नहीं बन सकी।
मोदी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में 10 प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों को अग्निपथ योजना की समीक्षा करने और इस स्कीम को अधिक आकर्षक व कारगर तरीके सुझाने का काम सौंपा है। केंद्र सरकार जल्द से जल्द इसकी हर कमी को दूर करना चाहती है। दूसरी ओर भारतीय सेना ने भी एक इंटरनल सर्वे किया है, जिसमें अग्निपथ योजना में कुछ बदलाव करने की सिफारिश की है।
ऐसे में आखिरकार अग्निपथ योजना क्या है? विपक्ष क्यों विरोध कर रहा है? अब सेना के सर्वे में क्या बदलाव करने की सलाह दी गई है? मौजूदा वक्त में अग्निवीरों को क्या सुविधाएं मिल रही हैं? अग्निपथ योजना से संबंधित ऐसे ही कई सवालों के जवाब जानने के लिए यहां पढ़िए…
अग्निपथ योजना क्या है?
अग्निपथ योजना के तहत आर्मी, नेवी और एयर फोर्स में 4 साल के लिए युवाओं की कॉन्ट्रैक्ट पर भर्ती की जाती है। यह भर्ती ऑफिसर रैंक के नीचे के सैनिकों की होती है। भर्ती होने पर पहले छह महीने की ट्रेनिंग दी जाती है। उसके बाद जवानों (अग्निवीरों) की तैनाती की जाती है।
चार साल बाद कार्य क्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाती है। रेटिंग देखकर मेरिट लिस्ट तैयार होती है, जिसमें से 25 फीसदी अग्निवीरों को सेना में परमानेंट कर दिया जाता है। बाकी जवान वापस आकर कोई और नौकरी या फिर कारोबार कर सकते हैं। अग्निवीरों को 4 साल की सेवा पूरी करने के बाद 12वीं के समकक्ष सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
अग्निवीर बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए?
- उम्र: 17.5 से 21 साल।
- शिक्षा: 10वीं पास।
बता दें कि अग्निवीरों की भर्ती साल में दो होती है। मौजूदा वक्त में मेडिकल को छोड़कर हर कैडर में अग्निवीरों की भर्ती हो रही है। अनुशासन अथवा किसी अन्य कारण से अग्निवीर की सेवा कभी समाप्त की जा सकती है। ये सैनिक चार साल से पहले सेवा नही छोड़ सकते हैं। हालांकि, विशेष परिस्थिति में सक्षम अधिकारी की अनुमति से ऐसा हो सकता है। अग्निवीरों को पेंशन, ग्रैच्युटी, कैंटीन और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिलतीं।
अग्निवीर सैनिकों को कितनी सैलरी मिलती है?
साल | मासिक वेतन | हर माह नकद | कॉर्पस कंट्रीब्यूशन | सरकार का कंट्रीब्यूशन |
पहला साल | 30,000 | 21,000 | 9,000 | 9,000 |
दूसरे साल | 33,000 | 23,000 | 9,900 | 9,900 |
तीसरे साल | 36,000 | 25,000 | 10,950 | 10,950 |
चौथे साल | 40,000 | 28,000 | 12,000 | 12,000 |
- 4 साल की सेवा में अग्निवीर जवान के वेतन से कॉर्पस फंडमें 5.02 लाख जमा होता है। इतना ही पैसा सरकार भी देती है
- 4 साल बाद सेवा निधि पैकेज के तौर पर जवान को एक साथ 11.71 लाख रुपए मिलेंग। इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
ड्यूटी पर अग्निवीर जवान की मौत हुई तो परिजनों को कितना अनुदान मिलेगा?
अगर ड्यूटी पर अग्निवीर जवान की मौत होने पर सरकार सेवा निधि पैकेज और उस वक्त जो वेतन मिलता है, वो देगी। इसे ऐसे समझिए- महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के पिंपलगांव सराय निवासी अक्षय लक्ष्मण गावट 30 दिसंबर, 2022 को अग्निवीर भर्ती के माध्यम से सेना की तोपखाने की रेजिमेंट में शामिल हुए थे। अक्षय की तैनाती सियाचिन ग्लेशियर में हुई, जहां 23 अक्टूबर 2023 में उनकी मौत हो गई। अक्षय ने कुछ 9 महीने और 21 दिनों तक सेवा में सेवा की। ऐसे में उनके परिजनों को पूरे 4 साल की सेवा अवधि की सैलरी दी जाएगी।
अक्षय के परिवार को क्या मिला?
सेना के बयान के मुताबिक, ”अक्षय लक्ष्मण गावट को 48 लाख रुपये बीमा के और 44 लाख रुपये अनुग्रह राशि के मिलेंगे। साथ ही सेवा निधि (30%) की राशि भी मिलेगी। जो चार साल की नौकरी थी, उसका वेतन भी दिया जाएगा, जो 13 लाख से ज्यादा की राशि होगी। इसके अलावा, सशस्त्र बल युद्ध हताहत कोष से शहीद जवान को 8 लाख रुपये और आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से 30 हजार रुपये दिए जाएंगे। कुल मिलाकर 1.13 करोड़ रुपये मिलेंगे।”
ड्यूटी पर अग्निवीर जवान दिव्यांग हो गया तो…
अगर कोई अग्निवीर जवान ड्यूटी के दौरान दिव्यांग (विकलांग) हो जाता है तो उसे दिव्यांगता के स्तर के आधार पर मुआवजा भी मिलता है। अगर कोई अग्निवीर जवान पूरी तरह यानी सौ फीसदी दिव्यांग हो जाता है तो उसे 44 लाख रुपये, 75 प्रतिशत दिव्यांग होने पर 25 लाख रुपये और 50 प्रतिशत दिव्यांग होने पर 15 लाख रुपये दिए जाते हैं।
क्या अग्निवीर शहीद जवान को सम्मान नहीं मिलता?
हां, अक्षय का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया था। अंतिम संस्कार पहले उनकी यूनिट ‘फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स’ अक्षय को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी थी।
बता दें कि पंजाब में अमृतपाल सिंह नाम के अग्निवीर जवान के अंतिम संस्कार के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिए जाने पर देश भर में बवाल मचा था। तब भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा था, वो अपने सैनिकों और अग्निवीर सैनिकों में भेदभाव नहीं करती है। अग्निवीर अमृतपाल ने आत्महत्या की थी। नियमों के मुताबिक, खुद से पहुंचाई गई चोटों से होने वाली मौत के मामले में सैन्य सम्मान नहीं दिया जाा है।
स्थायी सैनिक और अग्निवीर जवान को मिलने वाली सुविधाओं में क्या फर्क है?
क्रंं. | स्थायी सैनिक के लिए सुविधाएं | अग्निवीर सैनिक के लिए सुविधाएं |
1 | आर्मी जवान की शुरुआती सैलरी 40 हजार रुपये प्रतिमाह मिलती है | अग्निवीर जवान को 30 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाते हैं। |
2 | सेवानिवृति के बाद हर महीने पेंशन मिलती है। | अग्निवीर को 4 साल सेवा देने के बाद कोई पेंशन नहीं मिलेगी। |
3 | जंग या ऑपरेशन में हताहत होने पर सैनिक के परिवार को उदारीकृत पारिवारिक पेंशन मिलती है, जो ताउम्र मिलने वाली सैलरी के बराबर होती है। इस पर इनकम टैक्स नहीं लगता है। | अग्निवीरों को ऐसा कोई बेनिफिट नहीं मिलता है। |
4 | किसी ऑपरेशन के दौरान दिव्यांग (विकलांग) हो जाने पर उसके ग्रेजुएशन लेवल तक के बच्चों को शिक्षा भत्ता मिलता है। | दिव्यांगता के स्तर के आधार पर मुआवजा भी मिलता है। जैसे- 100% दिव्यांग होने पर 44 लाख, 75% पर 25 लाख और 50% पर 15 लाख रुपये। 4 साल में से जितनी नौकरी बची है, उसके आधार पर राशि का भी भुगतान होता है। |
5 | परमानेंट सैनिक को हर साल सेवा के लिए 15 दिन की ग्रेच्युटी मिलती है। | अग्निवीरों को ऐसा कोई बेनिफिट नहीं मिलता है। |
6 | 50 लाख का बीमा होता है। | अग्निवीर के परिवार को केवल 48 लाख रुपये की गैर-अंशदायी बीमा राशि मिलती है। |
7 | पुनर्वास महानिदेशालय शहीदों की पत्नियों व परिजनों के लि कई योजनाएं चलाता है। जैसे- उन्हें पेट्रोल पंप का आवंटन होता है। शहीद के परिजन को LPG गैस एजेंसी लेने पर भी छूट मिलती है। | अग्निवीर जवानों को ऐसी कोई योजना का लाभ नहीं मिलता। |
विपक्ष को क्या आपत्ति है?
विपक्षी नेताओं का कहना है कि देश के जवानों को मजदूर बनाया जा रहा है।
सेना ने इन बदलाव की कही बात
- अग्रिवीर सेना भर्ती के लिए आयु सीमा 17.5 से 21 साल से बढ़ाकर 23 साल करने की सिफारिश की है।
- 4 साल पूरे करने के बाद नियमित सेवा में शामिल होने वाले अग्निवीर जवानों का प्रतिशत 25 से बढ़ाकर 60 से 70 करना होगा।
- अग्निवीरों की सेवा अवधि को 4 साल से बढ़ाकर 7-8 साल करने का सुझाव दिया है।
- प्रशिक्षण के दौरान भी विकलांगता के लिए अनुग्रह राशि दी जानी चाहिए।
- अगर किसी अग्निवीर जवान की जंग में मौत ह जाती है तो उसके परिवार को निर्वाह भत्ता मिलना चाहिए।
- एक पेशेवर एजेंसी हो जो अग्निवीरों को उनकी सेवा अवधि समाप्त होने के बाद भविष्य की नौकरियां खोजने में मददगार हो।
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