- 08-Jun-2023
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इंदौर,08 जून (आरएनएस)। मेरी पोती को भूख ले गई। उसका कसूर बस इतना था कि वह पिता से खाने की चीजें मांग रही थी। उसका पिता यानी मेरा बेटा आठ दिन से काम पर नहीं जा रहा था, इसलिए उसके पास रुपए नहीं थे। इतने सालों से हमारे पास ना राशन कार्डज्ञ है ना किसी सरकारी योजना का लाभ मिलता है। मेरे घर में राशन होता तो मेरी पोती बच जाती। यह दर्दभरी दास्तां उस बुजुर्ग महिला नर्मदाबाई की है, जिसका बेटा राकेश अपनी ही बेटी संध्या की हत्या के आरोप में जेल चला गया। शनिवार को राकेश ने आठ माह की बेटी की पत्थर पर सिर पटककर हत्या कर दी थी। मंगलवार को द्वारकापुरी टीआई जब यहांराशन व सब्जी लेकर पहुंची तो परिवार का दर्द सामने आया। नर्मदाबाई ने बताया कि उसे रणजीत हनुमान मंदिर पर कई बार जाकर ना चाहते हुए भी भीख के लिए खड़े होना पड़ता है। छोटे बेटे राजेंद्र की मानसिक हालत ठीक नहीं है। वह दिनभर घर पर बैठा रहता है। राकेश जो कुछ कमाकर लाता था, नशे में उड़ा देता था। शराब के कारण पत्नी प्रमिला उसे छोड़कर चली गई। बड़ी बेटी संध्या हमारे पास आ गई। राकेश उसे वह चीजें नीं दिला पाता था जो बस्ती के दूसरे बच्चों के पास होती थी। 18 साल पहले पति की मौत होने के बाद भी नर्मदाबाई को विधवा पेंशन के पैसे नहीं मिले। आधार कार्ड के अलावा किसी तरह का दस्तावेज नहीं बना। गरीबी रेखा और राशन कार्ड भी उनके पास नहीं है। ना ही किसी तरह की मदद मिली। नर्मदाबाई ने बताया कि राकेश आठ दिन से काम पर नहीं जा रहा था। उसका पेट में दर्द था। उसने शरबा भी छोड़ दी थी। जिस दिन बेटी को मारा उसी दिन सुबह घर से निकला था। घर आया तो नशे में लग रहा था। कुछ परेशान था। इसी दौरान बेटी उससे चॉकलेट के लिए जिद करने लगी। वह उसे मना कर रहा था। बाद में उसे अपने साथ ले गया। इसके बाद फिर नशा किया और बेटी की हत्या कर दी। नर्मदाबाई ने बताया कि डन्हें रात में पता चला कि जिस बेटी से वह इतना प्यार करता था, उसे मार िदया। मैंने थाने में राकेश से पूदा कि जिस बेटी से वह इतना प्यार करता है, उसे मार दिया। मैंने थाने में राकेश से पूछा तो वह कुछ नहीं बोला। वो सिर झुकाकर खड़ा था। पुलिस के मुताबिक राकेश ने बेटी को बड़ी बेरहमी से मारा। उसने शरीर के कई हिस्से में फर्श के टुकड़े भी मारे। बेटी जब तक मर नहीं गई तब तक उस परवार करता रहा। हत्या के बाद पहले शव वहीं गाडऩे का मन बनाया। बाद में उसका मन बदला और बेटी को घर में दफनाने की योजना बनाई। सोचा कि वहां कोई नहीं देखेगा, लेकिन इसके पहले ही उसे लोगों ने पकड़ लिया।
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