प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार द्वारा समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को प्रदेश के समस्त परिषदीय विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में ‘‘हमारे शिक्षक’’ बोर्ड लगाये जाने के संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं। जारी निर्देश के अनुसार ‘‘हमारे शिक्षक’’ बोर्ड विद्यालय में ऐसे स्थान पर लगाया जाये, जिससे कि विद्यालय में प्रवेश करने वाले प्रत्येक अभिभावक व निरीक्षणकर्ता एवं जनसामान्य के लिए सहज रूप में दृष्टिगत हो। विद्यालय के शिक्षकों के स्थानान्तरण, पदोन्नति एवं सेवानिवृत्ति के उपरान्त हमारे ‘शिक्षक’ बोर्ड को यथासमय अद्यावधिक किया जायेगा। एक बोर्ड पर अधिकतम 06 शिक्षकों का विवरण अंकित कराया जाये। विद्यालय में 06 से अधिक शिक्षक होने की स्थिति में 02 बोर्ड लगवाये जायें।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि ‘‘हमारे शिक्षक’’ बोर्ड को निर्धारित मानकानुसार लगाने का उत्तरदायित्व प्रधानाध्यापकों व वार्डन का होगा। प्रधानाध्यापको व वार्डन द्वारा कि ‘‘हमारे शिक्षक’’ बोर्ड लगाने के निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। विभागीय अधिकारियों, जनपद स्तरीय टास्क फोर्स, ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स एवं अकादमिक रिसोर्स पर्सन्स द्वारा विद्यालयों के निरीक्षण में एवं विद्यालयों के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के दौरान ‘‘हमारे शिक्षक’’ नामक शीर्षक का बोर्ड का अवलोकन अवश्य किया जाये। ‘‘हमारे शिक्षक’’ बोर्ड सभी परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक कम्पोजिट विद्यालयों एवं कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में 15 दिवस के अन्दर प्रदर्शित कराया जाना सुनिश्चित किया जाय। ‘‘हमारे शिक्षक’’ बोर्ड लगाने के लिये प्रति विद्यालय प्रति बोर्ड अधिकतम 500 रु0 प्रति धनराशि अनुमन्य की जा रही है। बोर्ड 2.5 ग 4 फिट के साइज में लकड़ी/लोहे के ऐंगल व पलैक्स शीट पर बनवाया जाये, जिसमें प्रत्येक शिक्षक का फोटो 3‘‘ग 4’’ साइज का लगा होगा।
प्रदेश के समस्त परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक/कम्पोजिट एवं कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों में समय-समय पर विभागीय कार्यक्रमों, गतिविधियों एवं समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें जनप्रतिनिधि, अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति, अभिभावक प्रतिभाग करते हैं। इसके साथ ही अभिभावक शिक्षक बैठक, विद्यालय प्रबंध समिति आदि बैठके भी आयोजित की जाती है। विद्यालय का भौतिक परिवेश तथा शैक्षिक वातावरण बच्चों को सीखने की प्रक्रिया में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शैक्षिक रूप से समृद्ध व सशक्त वातावरण (प्रिंटरिच युक्त कक्षा-कक्ष, सुसज्जित प्रधानाध्यापक कक्ष, पुस्तकालय, विद्यालय प्रांगण इत्यादि भौतिक परिवेश) जनसमुदाय, अभिभावकों के मन में विद्यालय के प्रति आकर्षण एवं सम्मान का भाव उत्पन्न कराते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यालय को सामाजिक चेतना केन्द्र के रूप में विकसित करने की संकल्पना भी की गयी है, जिसमें विद्यालय के साथ सामुदायिक सहभागिता तथा बच्चों में बुनियादी अधिगम संप्राप्ति को सुनिश्चित करने की अपेक्षा व्यक्त की गयी है। इसी क्रम में विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक उत्कृष्ट योग्यताधारी तथा शैक्षिक कार्यों में दक्ष हैं। इसी उदेश्य के दृष्टिगत सभी विद्यालयों में आकर्षक ‘‘हमारे शिक्षक’’ नामक शीर्षक से एक बोर्ड लगाये जाने का निर्णय लिया गया है।
Nationalism Always Empower People
More Stories
Pilibhit में अवैध कब्जे की बड़ी कार्रवाई, बुलडोजर से ढहाई गईं 11 दुकानों और एक मकान की दीवारें!
एमपी बना मसाला स्टेट; मध्य प्रदेश के किसानों ने 54 लाख टन मसाला पैदा किया, देश में पहला स्थान
बाल दिवस पर उद्धरण और शुभकामनाएं हिंदी: ‘मन के प्रिय ये प्यारे बच्चे…’, बाल दिवस पर डेयरडेविल्स से बच्चों को शुभकामनाएं