नई दिल्ली । दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2018-19 का बजट प्रस्तुत किया। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली विधानसभा में चौथी बार बजट पेश किया है। बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन व पर्यावरण पर अधिक जोर दिया गया है।
बजट की अहम बातें
-कृषि एवं बागवानी के विकास के लिए कृषि नीति बनेगी
– अनियमित कॉलोनियों में ढांचागत विकास की राशि दोगुनी कर 1800 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव
– मुफ्त वाईफाई परियोजना के लिए सौ करोड़ का प्रावधान
– अनियमित कॉलोनियों में ढांचागत विकास की राशि दोगुनी करने का प्रस्ताव
– मार्केट कमेटियों की सलाह पर विकास कार्य में खर्च होंगे सौ करोड़ रुपये
– जलापुर्ति व सीवर योजनाओं के लिए 2777 करोड़ रुपये, जिसमें 477 करोड़ रुपये पानी पर छूट के लिए प्रस्तावित
– 48 निजी अस्पतालों में सर्जरी के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
– डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अस्पतालों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा, दस करोड़ का प्रावधान
– बुजुर्गों के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा कार्यक्रम, इसके लिए 53 करोड़ का प्रावधान
– सबके लिए स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, सौ करोड़ का प्रावधान होगा
– नए अस्पतालों के निर्माण और पुराने अस्पतालों में सुविधाओं के लिए 450 करोड़ का प्रस्ताव
– कला और संस्कृति को प्रोत्साहन के लिए अंग्रेजी समेत 13 नई एकेडमी की शुरुआत होगी
– 10वीं और 12वीं पास करने के बाद दिल्ली से बाहर के संस्थानों में जाने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप
– मोहल्ला क्लीनिक और पॉली क्लीनिक के लिए 403 करोड़ का प्रस्ताव
– दिल्ली में 25 नए विश्वस्तरीय स्किल सेंटर खुलेंगे, 315 करोड़ का प्रस्ताव
– प्रत्येक स्कूल में 150-200 सीसीटीवी कैमरे लगेंगे
– विधानसभा क्षेत्रों में खेलकूद आयोजित करने के लिए 20 करोड़ का प्रस्ताव
– खिलाड़ियों के लिए ‘खेलो और तरक्की करो’ और मिशन एक्सिलेंस योजना लाई जाएगी।
– दिल्ली के हर स्कूल का मूल्यांकन किया जाएगा, स्कूलों की रैंकिंग की जाएगी
– सरकारी स्कूलों में बालिकाओं के लिए सेल्फ डिफेंस की क्लासेज शुरू कि जाएंगी, इसके लिए दस करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है
– अगले साल से नर्सरी से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए हैपिनेस पाठ्यक्रम
– सरकारी स्कूलों में लगेगी पेरेंट्स वर्कशॉप
– हर स्कूल की एसएमसी को पांच लाख रुपये का फंड मिलेगा
– एसएमसी यानी स्कूल मैनेजमेंट कमेटी
-दिल्ली सरकार और निगम के छात्रों के लिए मिशन बुनियाद के नाम से नया कार्यक्रम
– अभिभावकों को अपने बच्चों की गतिविधियां घर पर देखने की भी सुविधा मिलेगी
– स्कूलों में कक्षाओं में भी लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
– सभी अध्यापकों को टैबलेट दिया जाएगा
– शिक्षा के लिए 13997 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
– छह नए बस डिपो बनेंगे, इसके लिए 80 करोड़ का प्रस्ताव
– डीटीसी बेड़े में स्टैंडर्ड साइज की एक हजार बसें आएंगी
– बिजली के लिए 2190 करोड़ का प्रावधान
– बिजली पर छूट के लिए 1720 करोड़
– पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 16 किमी के साइकिल ट्रैक के ऊपर सोलर पैनल लगेंगे
– पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ऐसा अभियान चलाने की जरूरत है, केंद्र सरकार पहल करे
– दिल्ली में सरकार कृषि सह सोलर फार्म स्कीम लाएगी
– किसान सौर ऊर्जा उत्पादन के साथ खेती भी जारी रख सकता है
– विभिन्न सरकारी कार्यालयों में विभागों के बिजली उपभोग का ऑडिट होगा
– मेट्रो स्टेशनों के पास लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए 905 इलेक्ट्रिक फीडर बसें
– प्रदूषण के पूर्वानुमान के लिए वर्ल्ड बैंक की मदद से व्यवस्था की जाएगी।
-दिल्ली में एक हजार इलेक्टि्रक बसें लाने की तैयारी
– सरकारी कार्यालय में लगेंगे प्रदूषण मीटर।
– पीएनजी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा।
– इलेक्टि्क या गैस तंदूर के प्रोत्साहन के लिए रेस्तरां संचालकों को 5000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी
– दिल्ली में नए सिटी फॉरेस्ट और सेंट्रल रिज में वाकिंग ट्रेल विकसित किए जाएंगे।
– मोहल्ला क्लीनिक का बजट बढ़ा
-हम शिक्षा पर ज्यादा खर्च कर रहे हैं
-कुल बजट अनुमान 53000 करोड़ रुपये का है
-एक चौथाई हिस्सा शिक्षा जगत पर खर्च होगा
-सरकारी स्कूलों में अधिक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी
-नगर निगमों की छोटी सड़कों और गलियों की मरम्मत के लिए एक हजार करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
– पर्यावरण, परिवहन, ऊर्जा और लोक निर्माण विभाग की 26 योजनाओं को मिलाकर समेकित रूप में काम किया जाएगा। इससे दिल्ली सरकार का प्रदूषण पर नियंत्रण का दावा।
इससे पहले सिसोदिया ने सदन में आर्थिक सर्वे पेश किया था। AAP सरकार ने अगले वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 48000 करोड़ रुपए का बजट बीते 8 मार्च को पहला परिणामी बजट पेश किया था।
उस दौरान मनीष सिसोदिया ने परिणामी बजट पेश करते हुए कहा था कि विभिन्न योजनाओं के पूरा होने में देरी के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि चाहे वह नौकरशाह हो, मंत्री हो या यहां तक कि उपराज्यपाल हो।
इस क्षेत्र पर रहेगा जोर
दिल्ली सरकार ने 1,000 आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक खोलने का लक्ष्य रहा। जिसकी तुलना में अभी केवल 160 क्लीनिक ही खुले हैं। दूसरी तरफ परिवहन के क्षेत्र में बात करें तो 2016 में डीटीसी के पास 4,126 बसें थी लेकिन अप्रैल-दिसंबर 2017 तक यह संख्या घटकर 3,988 हो गई है। जाहिर है बजट में इस पर ज्यादा जोर रहेगा।
यह है आउटकम बजट
सरकार का काम सिर्फ यह नहीं है कि तय अवधि में उसने कितना पैसा खर्च किया, उसे यह भी देखना चाहिए कि लोगों को उससे फायदा हुआ या नहीं। अगर किसी अस्पताल में दस करोड़ रुपये खर्च करके कोई स्कैनिंग मशीन लगाई जाती है तो सरकार के रिकॉर्ड में तो दस करोड़ रुपये खर्च हो गए, भले ही उस मशीन से एक भी मरीज का टेस्ट न हुआ हो, लेकिन आउटकम बजट में हर तिमाही यह आंकड़ा जुटाया जाता है कि कितने लोगों को फायदा हुआ। मसलन, जौनापुर में वल्र्ड क्लास स्किल सेंटर बनाने की योजना है, आउटकम बजट में शिक्षा विभाग को बताना होगा कि इनसे कितने बच्चों को ट्रेनिंग मिली, कितनों को नौकरी।
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