पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीएए, एनआरसी और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। हमारे सहयोगी समाचार चैनल टाइम्स नाउ को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ममता ने ने हाल ही में पीएम मोदी के बंगाल दौरे को लेकर भी प्रतिक्रिया दी। ममता ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देने पर केंद्रित रहने की बजाए पीएम ने सीएए और एनआरसी की चर्चा की।
बेलूर दौरे को बताया राजनीतिक प्रॉपेगैंडा
ममता बनर्जी ने इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी के बेलूर मठ दौरा का जिक्र करते हुए कहा, ‘यह एक निजी यात्रा थी। लेकिन हकीकत में यह उनका राजनीतिक प्रॉपेगैंडा था। वे पूरी तरह से उनके विचार थे। अगर मेरे पास कुछ कहने का अधिकार है तो उनके पास भी कुछ कहने का हक है। स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देने की बजाए वह सीएए और एनआरसी पर बोलते रहे।’
‘बीजेपी शासित असम में सीएए क्यों नहीं’
सीएए पर मोदी सरकार को घेरते हुए ममता ने कहा, ‘मैं इस बात से सहमत हूं कि सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता, क्योंकि वे पहले से ही इस देश के नागरिक हैं। उनके पास आधार कार्ड, पैन कार्ड, इतनी सारी चीजें हैं। लेकिन अगर आप लोगों को गुमराह कर रहे हैं तो मेरा एक सवाल है- अगर यह बहुत अच्छा है तो इसे असम में लागू क्यों नहीं किया जा रहा है, जो बीजेपी शासित राज्य है? इस विशेष समूह को नागरिकता मिलेगी या उस विशेष समूह को नागरिकता नहीं मिलेगी, ये उनकी चॉइस है।’
‘अपनी मां का बर्थ सर्टिफिकेट नहीं दे सकती’
ममता ने आगे कहा, ‘अगर वे मुझसे पूछते हैं कि मेरी मां का जन्म प्रमाण पत्र कहां है, तो क्या मैं इसे दे सकती हूं? जब मैं राज्य की सत्ता में आई तो अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों की दर केवल 65 प्रतिशत थी। अब यह 90 प्रतिशत है, लेकिन तब बच्चे केवल मिट्टी के घरों में पैदा हुआ करते थे। इसलिए मैं अपनी मां का बर्थ सर्टिफिकेट नहीं दे सकती।’
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