22 दिसंबर 2019 को दिल्ली के रामलीला मैदान में नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के ख़िलाफ़ जारी विरोध प्रदर्शनों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि इसको लेकर विपक्ष अफ़वाहें फैला रहा है और यह क़ानून केवल किसी को नागरिकता देने के लिए है न कि नागरिकता छीनने के लिए.
22 दिन बाद रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के दौरे पर बेलूर मठ में छात्रों को संबोधित करते हुए एक बार फिर से नागरिकता संशोधन क़ानून पर सरकार का पक्ष रखा और इसका बचाव किया.
इस बार भी उन्होंने विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि इस पर वो भ्रम फैला रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”मैंने यह क़ानून कोई रातोंरात नहीं बना दिया है. यह क़ानून नागरिकता छीनने के लिए नहीं है बल्कि देने के लिए है. CAA उन अल्पसंख्यकों के लिए है जिन पर पाकिस्तान में अत्याचार हुआ है. क्या हमें उन्हें नागरिकता नहीं देनी चाहिए? क्या हम इन्हें मरने के लिए पाकिस्तान भेज दें?”
इस बार प्रधानमंत्री ने विपक्ष के साथ-साथ पाकिस्तान को भी निशाने पर लिया लेकिन उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश का इसमें कोई ज़िक्र नहीं किया.
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