छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कथित 2012 सरकेगुडा मुठभेड़ के लिए जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया है। उन्होंने सोमवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि इसके लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह प्रक्रिया विधानसभा के समक्ष (न्यायिक आयोग की रिपोर्ट) को दर्ज करने के लिए है और फिर कानून विभाग द्वारा इसकी जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले में किसी को भी बख्शने का सवाल नहीं है। उन्होंने आगे बोला कि इसके बाद एक समिति गठित की जाएगी। जो यह तय करेगी कि किसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए।
ग्रामीणों द्वारा नहीं मिले गोलीबारी के सबूत
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी जून 2012 में छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के सरकेगुडा गांव में सात नाबालिगों सहित 17 लोगों की हत्या के लिए एक सदस्यीय न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के बाद आई है। आयोग ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा कोई गोलीबारी नहीं की गई और कोई सबूत नहीं मिला और ना ही ये साबित हुआ कि वे नक्सली थे।
जानें क्या है पूरा मामला
जानकारी के लिए बता दें कि 28 और 29 जून, 2012 की रात को सरकेगुडा, कोट्टागुडा और राजपुरा के 7 नाबालिगों सहित 17 ग्रामीणों पर सीआरपीएफ और पुलिसकर्मियों की संयुक्त टीम द्वारा गोलीबारी की गई, जिसमें 10 अन्य घायल भी हो गए। घटना में छह सुरक्षाकर्मियों को भी चोटें आईं।
राज्य सरकार को सौंपी रिपोर्ट
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोग ने इस महीने की शुरुआत में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। आयोग ने कहा कि रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि सुरक्षा बलों ने बैठक के सदस्यों पर एकतरफा गोलीबारी की, जिससे उनमें से कई लोगों की मौत हो गई और घायल हो गए। बैठक के सदस्यों द्वारा कोई गोलीबारी नहीं की गई।
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