पर प्रकाश डाला गया
- साल 2024 में 14,000 से ज्यादा मामले सामने आये
- विश्व स्वास्थ्य संगठन का खर्च 15 मिलियन डॉलर
- प्रभाव निषेध के लिए दो टिकों का उपयोग हो रहा है
एजेंसी, नई एजेंसी (मंकी पॉक्स)। अफ़्रीका में फ़ेल रह रहे एमपॉक्स के मामलों ने मुक़ाबला संगठन (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की चिंता बढ़ा दी है। इसमें इस बीमारी को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी) घोषित किया गया है। WHO के मुताबिक, इस साल एमपॉक्स के 14,000 से ज्यादा मामले सामने आए, जबकि 524 लोगों की मौत हो गई। 2023 के ये मामला काफी ज्यादा है।
इन देशों में एमपॉक्स का असर
फ्रंटियर फोर्सेज ऑर्गेनाइजेशन के प्रतिद्वंद्वियों तो, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) और पड़ोसी बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा में एमपॉक्स के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। ओक्लाहोमा ने अफ्रीका में और भी अधिक राक्षसों के खतरे को उजागर किया है।
रविवार को हुई बैठक
इस वायरस के खतरे को देखते हुए वेरियंट हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने बुधवार को बैठक की थी। डब्ल्यूएचओ के दोषी टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने बताया कि क्लेड्स ने अलग-अलग तरह के वायरस पैदा किए हैं जिसके कारण एमपॉक्स का प्रकोप देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा, पिछले साल डीसीआरसी में क्लेड 1बी वायरस फैला था, जो ”मुख्य रूप से यौन नेटवर्क के माध्यम से” हुआ था। यह काफी घातक है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से विकसित होती है।
आज, आपातकालीन समिति #एमपॉक्स उन्होंने मुझसे मुलाकात की और मुझे सलाह दी कि उनके अनुसार, यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन गई है और सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति बन गई है। मैंने उस सलाह को स्वीकार कर लिया है।@कौन जमीनी स्तर पर, प्रभावित देशों और जोखिम में पड़े अन्य देशों के साथ काम कर रही है…
— टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस (@DrTedros) 14 अगस्त, 2024
WHO ने उठाया ये कदम
आंतक प्रमुखों ने बताया कि इस वायरस के प्रकोप को समझने और इसका समाधान करने के लिए प्रभावित देशों के विखंडन, अफ्रीका सीडीसी और अन्य वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। साथ ही ब्लड पासपोर्ट भी लिए जा रहे हैं।
15 मिलियन डॉलर का खर्च
टेड्रोस के वायरस के प्रभाव के अनुसार प्रतिबंध के लिए क्षेत्रीय प्रतिक्रिया योजना बनाई गई है। इसके तहत निगरानी और तैय्यारी के लिए 15 मिलियन डॉलर की जरूरत होगी। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की आपातकालीन निधि से 1.45 मिलियन डॉलर दिए गए हैं। आने वाले दिनों में और राशि जारी की जाएगी।
दो टिकों की ले रहे मदद
एमपॉक्स वायरस से आरंभ करने के लिए डबल्यूब्यूएम ऑब्जेक्टिव दो प्रकार के टिकों की मदद ले रहा है। डबल्यूपीयू आदर्श प्रमुखों ने एमपॉक्स वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से अधिक उत्पादन करने की अपील की है, ताकि निम्न आय वाले देशों में भी टीकाकरण किया जा सके।
स्वीडन में भी एमपॉक्स की दस्तक
फ़ॉक्स के अनुसार, वोल्वोइडन में भी एम्पॉक्स का पहला मामला दर्ज किया गया है। अफ्रीका के बाहर इस वायरस का यह पहला मामला है। स्वीडन के स्वास्थ्य अधिकारियों की सलाह पर स्वीडन का एक व्यक्ति अफ्रीका में रहता था, इस वायरस की चपेट में आया था। उसका उपचार चल रहा है और स्थिति नियंत्रण में है।
यूरोप में भी खतरा
किसका मानना है कि रूस में इस तरह के मामलों का कोई असर नहीं होगा, लेकिन यूरोप में एमपॉक्स के मामले सामने आ सकते हैं।
पाकिस्तान में भी सामने आया मामला
पाकिस्तान में भी मैनकीपॉक्स के तीन मामले सामने आए हैं। कि ये सभी लोग अलग-अलग बताए गए थे।