कथित नीट पेपर लीक से जुड़े एक चौंकाने वाले खुलासे में गिरफ्तार आरोपी अनुराग यादव, जो इस साल भी परीक्षा में शामिल था, ने बिहार के एक मंत्री का समर्थन होने का दावा किया है, जिसका नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। जांच के दौरान यादव ने उक्त मंत्री के लेटरहेड पर एक पत्र दिखाया, जिसके जरिए वह पटना में एनएचएआई के सरकारी गेस्ट हाउस में रुका था। आरोपी ने यह भी दावा किया कि गेस्ट हाउस में रहने के दौरान उसे याद रखने के लिए जो प्रश्न दिए गए थे, वही प्रश्न नीट परीक्षा में भी आए।
आरोपी रीना के साथ 4 मई को गेस्ट हाउस में घुसे थे। रिपोर्ट के मुताबिक अनुराग यादव और सिकंदर यादवेंदु रिश्तेदार हैं। सिकंदर यादवेंदु पेपर लीक करने वाले पिता-पुत्र गिरोह का सदस्य है। यादवेंदु दानापुर में जूनियर इंजीनियर था। पूरे घटनाक्रम से पता चलता है कि पेपर लीक गिरोह को राजनीतिक समर्थन भी हासिल था।
बिहार पुलिस कथित पेपर लीक मामले में कुछ छात्रों समेत एक दर्जन से ज़्यादा लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है। दूसरी ओर, मुजफ्फरपुर के डीएवी स्कूल में नीट परीक्षा में डमी कैंडिडेट के तौर पर शामिल हुए छात्र को गिरफ़्तार करने के लिए मुजफ्फरपुर पुलिस की एक विशेष टीम जोधपुर एम्स जाएगी। छात्र परीक्षा के दौरान पकड़े जाने के बाद से लापता है। सिटी एसपी ने बताया कि स्कूल के प्रिंसिपल भी संदेह के घेरे में हैं और उनकी भी जांच की जाएगी।
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सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि पुलिस डमी कैंडिडेट हुकमाराम की तलाश में जोधपुर जाएगी। साथ ही, राज पांडे की तलाश में पुलिस की एक टीम पटना जाएगी, जिसके लिए हुकमाराम परीक्षा दे रहा था। बताया जा रहा है कि राज पांडे मूल रूप से मीठापुर, पटना का रहने वाला है। राज पांडे ने हुकमाराम को नीट परीक्षा देने के लिए 4 लाख रुपए देने का वादा किया था। पकड़े जाने के बाद परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों ने हुकमाराम को बाहर इंतजार करने को कहा, जहां से वह भागने में सफल रहा, जिससे परीक्षा केंद्र के कामकाज पर संदेह पैदा हो गया।