कोलकाता: सीबीआई आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के बलात्कार-हत्या के सिलसिले में अस्पताल के गिरफ्तार पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर नार्को विश्लेषण परीक्षण कराने पर विचार कर रही है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने शुक्रवार को सियालदह अदालत में अपने बयान में कहा कि घोष जांचकर्ताओं के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं।
घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट पहले ही हो चुका है। सीबीआई अधिकारी ने बताया कि नार्को एनालिसिस टेस्ट के दौरान, सोडियम पेंटोथल नामक दवा को व्यक्ति के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे वह सम्मोहित अवस्था में पहुंच जाता है और उसकी कल्पना शक्ति खत्म हो जाती है।
सीबीआई ने अदालत को यह भी बताया कि केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की रिपोर्ट में उनके कुछ बयानों को “भ्रामक” बताया गया है।
यदि अदालत अनुमति देती है तो पुलिस घोष को नार्को विश्लेषण परीक्षण के लिए गुजरात ले जाने की योजना बना रही है।
एजेंसी इस मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराना चाहती है।
अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने मंडल पर पॉलीग्राफ परीक्षण के लिए स्थानीय अदालत में याचिका दायर की है।
उन्होंने बताया कि अदालत ने बाद में घोष और मंडल की सीबीआई हिरासत 25 सितंबर तक बढ़ा दी। उन्होंने बताया कि नार्को विश्लेषण और पॉलीग्राफ परीक्षण पर सुनवाई के लिए उन्हें सोमवार को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा।