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महाराष्ट्र सरकार ने अडानी को बेचा दिघी पोर्ट, ₹10,000 करोड़ का निवेश कर गेटवे तैयार करेगी कंपनी

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनोमिक जोन (APSEZ) ने 705 करोड़ रुपये में दिवालिया प्रक्रिया से गुजर चुकी दिघी पोर्ट लिमिटेड (DPL) का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। दिघी पोर्ट महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के राजपुरी क्रीक के किनारे स्थित है। इसकी दूरी मुंबई पोर्ट से 42 नॉटिकल माइल्स है और सड़क के रास्ते इसकी दूरी 170 किमी है। अडाणी पोर्ट्स (Adani Ports) ने बताया कि कंपनी इस पोर्ट को महाराष्ट्र के लिए वैकल्पिक गेटवे के तौर पर विकसित करने में 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करेगी। दिघी पोर्ट APSEZ के बैनर तले आने वाला 12वां पोर्ट बन गया है।

APSEZ के होल टाइम डायरेक्टर और सीईओ करन अडानी ने कहा कि DPL के सफल अधिग्रहण ने अडानी पोर्ट के बंदरगाहों को बनाने के लक्ष्य में एक नया कीर्तिमान जोड़ा है, जिससे भारत के पूरे आर्थिक क्षेत्र में सर्विस कवरेज बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि आडाणी पोर्ट्स दिघी पोर्ट को विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ मल्टी कार्गो पोर्ट में विकसित करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करेगी।

इसके साथ ही कंपनी की योजना आसान और बेहतर कार्गो मूवमेंट के लिए रेल और रोड इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में भी निवेश की योजना है। इससे कंपनी की महाराष्ट्र में मौजूदगी स्थापित होगी, जो भारत की जीडीपी में सबसे ज्यादा योगदान देता है। कंपनी ने कहा कि इस पोर्ट से APSEZ को महाराष्ट्र में ग्राहकों की सेवा करने में मदद मिलेगी जिसमें बड़े औद्योगिक क्षेत्र और मुंबई और पुणे क्षेत्रों का विकास शामिल है।

अडाणी पोर्ट्स ने बताया कि कंपनी मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के साथ उनकी मरम्मत करेगी। साथ ही ड्राई, कंटेनर और लिक्विड कार्गो के लिए सुविधाओं के विकास में निवेश होगा। आपको बता दें कि कंपनी की योजना दिघी पोर्ट को जवाहरलाल नेहरू पोर्ट (JNPT) में वैकल्पिक गेटवे के तौर पर विकसित करने की है। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि रेजोल्यूशन प्लान की शर्तों के मुताबिक, महाराष्ट्र मारिटाइम बोर्ड और APSEZ से कंसेशन राइट्स के ट्रांसफर को भी मंजूरी मिल गई है, जिसने फाइनेंशियल क्रेडिटर्स, MMB के बकाया और दूसरे लागत और क्लेम का सेटलमेंट कर दिया गया है।