12 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को फ्रैंकलिन टेम्पलटन की छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने पर ई-वोटिंग की वैधता को मान्यता दी और कहा कि यूनिट धारकों को धन का वितरण जारी रहेगा।
न्यायमूर्ति एस ए नजीर और संजीव खन्ना की पीठ ने ई-वोटिंग प्रक्रिया के लिए कुछ यूनिट धारकों द्वारा विरोध को खारिज करते हुए कहा कि धन का वितरण शीर्ष अदालत के पहले के आदेश के अनुसार जारी रहेगा।शीर्ष न्यायालय ने दो फरवरी को आदेश दिया था कि फ्रैंकलिन टेम्पलटन की छह म्यूचुअल फंड योजनाओं के यूनिट धारकों को तीन सप्ताह के भीतर 9,122 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाए।
न्यायालय ने कहा था कि धन का वितरण यूनिट धारकों की परिसंपत्तियों में हिस्सेदारी के अनुपात में की जाएगी।इससे पहले शीर्ष न्यायालय ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को ई-मतदान प्रक्रिया की देखरेख के लिए एक पर्यवेक्षक नियुक्त करने को कहा था।फ्रेंकलिन टेम्पलटन की छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने के संबंध में मतदान दिसंबर के अंतिम सप्ताह में हुआ था और इसे अधिकांश यूनिट धारकों द्वारा अनुमोदित किया गया था।
इससे पहले न्यायालय वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये मामले की सुनवाई करते हुए एसबीआई म्यूचुअल फंड को यूनिटधारकों के बीच पैसे का वितरण करने की जिम्मेदारी दी थी। न्यायालय के इस आदेश पर सभी पक्षों के वकीलों ने सहमति जतायी।पीठ ने मामले से जुड़े पक्षों को यह छूट दी कि यूनिटधारकों को धन लौटाने या प्रक्रिया में किसी प्रकार की कठिनाई होने की स्थिति में वे न्यायालय के पास आ सकते हैं।
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