अंतरिक्ष की दुनिया में भारत के हाथ एक और बड़ी कामयाबी लगी है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) बुधवार को तमिलनाडु के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से संचार उपग्रह जीएसएटी-29 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. 3,423 किलोग्राम वजनी इस उपग्रह को प्रक्षेपण वाहन जीएसएलवी-एमके3-डी2 के जरिए श्री हरिकोटा रेंज से प्रक्षेपित किया गया. इस उपग्रह को 10 साल के मिशन काल के लिहाज से डिजाइन किया गया है. इसरो के मुताबिक मौसम साफ होने की वजह से इसरो को संचार उपग्रह GSAT-29 की लॉन्चिंग में कोई परेशानी नहीं हुई.
इसरो के चेयरमैन के. सिवान ने कहा है कि इस उपग्रह पर एक खास किस्म का हाई रेज्यूलेशन कैमरा लगा है, जिसे ‘जियो आई’ का नाम दिया गया है. इसकी मदद से हिंद महासागर में देश के दुश्मनों और उनके जहाजों पर आसानी ले नजर रखी जा सकेगी. साथ ही इसके अलावा इस संचार उपग्रह से जम्मू-कश्मीर समेत उत्तर-पूर्वी भारत के इलाकों में इंटरनेट पहुंचाने में मदद मिलेगी. अपनी दूसरी उड़ान में जीएसएलवी-एमके 3 रॉकेट जीसैट-29 को भू स्थिर कक्षा में स्थापित करेगा. जीसैट-29 उपग्रह उच्च क्षमता वाले का और कू-बैंड के ट्रांसपोंडरों से लैस है. इससे पूर्वोत्तर और जम्मू कश्मीर सहित देश के दूर-दराज के इलाकों में संचार जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. इसरो ने कहा, ‘श्रीहरिकोटा (यहां से 100 किलोमीटर से ज्यादा दूर) में जीएसएलवी-एमके 3 रॉकेट वाला जीसैट-29 बुधवार को लॉन्च हुआ.’
बता देें कि इस प्रक्षेपण पर लगातार चक्रवाती तूफान ‘गाजा’ का खतरा बना हुआ था और ऐसे में कयास थे कि इसे टालना भी पड़ सकता है. मौसम विभाग ने 14 नवंबर को बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती तूफान ‘गाजा’ को देखते हुए तेज बारिश की चेतावनी जारी की है. कहा जा रहा है कि चक्रवाती तूफान 15 नवंबर को उत्तरी तमिलनाडु के नागपट्टिनम और चेन्नई के बीच से गुजरेगा, ऐसे में अंदाजा ये भी था कि प्रक्षेपण में कोई परेशानी नहीं होगी और ठीक वैसा ही हुआ.
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