उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की आज मंगलवार को हुई बैठक में फैजाबाद मंडल का नाम बदल कर अयोध्या मंडल और इलाहाबाद मंडल का नाम बदल कर प्रयागराज मंडल किए जाने के फैसले पर मुहर लगा दी गयी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने यह जानकारी दी.
सुरेश खन्ना ने बताया कि मंत्रिमंडल ने इलाहाबाद मंडल का नाम प्रयागराज मंडल किये जाने तथा फैजाबाद मंडल का नाम अयोध्या मंडल किए जाने के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी . खन्ना ने बताया कि प्रयागराज मंडल में प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर और प्रतापगढ़ जिले शामिल होंगे जबकि अयोध्या मंडल में अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, सुल्तानपुर और अमेठी जिले शामिल हैं. यह सभी जिले पहले भी इन्ही मंडलों में शामिल थे. इससे पहले, सीएम योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव के दिन घोषणा की थी कि फैजाबाद जिला अब से अयोध्या के नाम से जाना जाएगा. मुख्यमंत्री ने राज्य की राजधानी लखनऊ से तकरीबन 120 किलोमीटर दूर स्थित इस तीर्थनगरी में कहा, ”अयोध्या हमारी ‘आन, बान और शान का प्रतीक है.
योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अयोध्या में नया मेडिकल कॉलेज बनाया जा रहा है और इसका नाम राजर्षि दशरथ पर रखा जाएगा. यहां पर बन रहे एयरपोर्ट का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के नाम पर रखा जाएगा. सीएम योगी ने कहा था कि कोई अयोध्या के साथ अन्याय नहीं कर सकता है. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि अयोध्या की पहचान भगवान राम से है. आदित्यनाथ ने दीपावली के अवसर पर आयोजित ‘दीपोत्सव में ये बातें कहीं.
उन्होंने अयोध्या में भगवान राम के नाम पर एक नया हवाई अड्डा और भगवान राम के पिता राजा दशरथ के नाम पर जिले में एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की भी घोषणा की थी . इस अवसर पर भीड़ में शामिल कुछ लोगों को ‘मंदिर का निर्माण कराओ के नारे लगाते सुना गया.
आदित्यनाथ ने ‘कथा पार्क में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था, ”दीपोत्सव नई परंपरा शुरू करता है. कथा पार्क में आयोजित कार्यक्रम में दक्षिण कोरिया कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग-सुक भी शामिल हुईं थी. इस अवसर पर ‘राम की पैड़ी के पुन: विकास और सौंदर्यीकरण और सरयु नदी में मलजल प्रवाहित करने पर रोक लगाने समेत कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया गया.
आपको बता दें कि 15 अक्टूबर को इलाहाबाद का नाम प्रयागराज किया गया था. यह मांग काफी समय से उठ रही थी मगर कभी इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया. जब मार्च 2017 को योगी सरकार उत्तर प्रदेश में आई तो उन्होंने यह वादा भी किया कि वे इलाहाबाद प्रयागराज कर देंगे. इसके बाद कई संतों ने उन्हें उनके वादे को याद दियाला. इलाहाबाद में मुख्यमंत्री ने इस घोषणा को अमली जामा पहनाने की शुरुआत कर दी थी.
कब बदला नाम- अकबरनामा और आईने अकबरी व अन्य मुगलकालीन ऐतिहासिक पुस्तकों से ज्ञात होता है कि अकबर ने सन 1575 के आसपास प्रयागराज में किले की नींव रखी. उसने यहां नया नगर बसाया जिसका नाम उसने इलाहाबाद रखा. उसके पहले तक इसे प्रयागराज के ही नाम से जाना जाता था. साकेत रामायणकाल में फैजाबाद का नाम साकेत था. अयोध्या नगरी फैजाबाद जिले में ही आती है, अब जिले का नाम भी बदलकर अयोध्या कर दिया गया है. भगवान जब वनवास के लिए जा रहे थे तब भरत उनसे मिलने जिस जगह पर आए थे, वह फैजाबाद मुख्यालय से सिर्फ 15 किमी की दूरी पर है. यहां भरतकुंड भी है.
ऐसे बदलता है शहर का नाम
– किसी शहर के स्थानीय लोग या जनप्रतिनिधि नाम बदलने का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजे
– राज्य मंत्रिमंडल प्रस्ताव पर विचार करती है और मंजूरी देने के बाद राज्यपाल की सहमति को भेजती है
– राज्यपाल प्रस्ताव पर अनुंशसा देने के साथ अंतिम मंजूरी के लिए केंद्रीय गृहमंत्रालय को भेजता है
– गृहमंत्रालय से हरी झंडी मिलने के बाद राज्य सरकार नाम बदलने की अधिसूचना जारी करती है
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