छ्त्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण में नक्सलियों के गढ़ में जमकर वोटिंग हो रही है। सुबह से ही पोलिंग बूथों पर पहुंच रहे मतदाताओं ने साबित कर दिया है कि बंदूकों के डर पर लोकतंत्र की ताकत भारी है। शाम 4:30 बजे तक 18 सीटों के लिए हो रहे मतदान में 56.58 प्रतिशत वोटर्स अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ में दिन 18 विधानसभा सीटों पर सोमवार सुबह से वोटिंग हो रही है। इनमें से आठ नक्सल प्रभावित जिले हैं। मतदान के लिए इन इलाकों में 4,336 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं। कई जगह चुनाव का बहिष्कार करने से जुड़ी नक्सलियों की चेतावनी और बैनर-पोस्टर्स के बावजूद बड़ी संख्या में वोटर्स मतदान के लिए निकले। इन सीटों पर शाम 4:30 बजे तक 56.58 प्रतिशत मतदान हुआ।
उम्र या दिव्यांगता, कोई नहीं अड़चन
103 साल की सोनी बाई सुकमा जिले के गोरगुंडा में बनाए गए पोलिंग बूथ पर वोट डालने आईं। इसी तरह मतदान शुरू होने के कुछ ही देर बाद 100 साल की मतदाता सुकमा के ही द्रोणापल में अपने अधिकार का प्रयोग करने पहुंचीं। दंतेवाड़ा में दृष्टिबाधित दिव्यांग और यहीं के चिंतागुफा पोलिंग स्टेशन पर चलने में असमर्थ दिव्यांग वोट डालने पहुंचे। कोई अड़चन मतदाताओं को बूथ तक आने से नहीं रोक सकी। नक्सलियों के मंसूबे हुए नाकाम
दंतेवाड़ा जिले के केतकल्याण ब्लॉक में तुमाकपाल कैंप के पास नक्सलियों ने 1-2 किलोग्राम इम्प्रोविज्ड एक्सप्लोजिव डिवाइस (आईईडी) से विस्फोट किया। एआईडी (ऐंटी नक्सल ऑपरेशंस) देवनाथ ने बताया, ‘सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए लगभग 5:30 बजे तुमाकपाल-नयनार रोड पर नक्सलियों ने आईईडी को ट्रिगर किया था। सुरक्षा बलों और चुनावकर्मी दल को कोई नुकसान नहीं हुआ है और पार्टी सुरक्षित रूप से नयनार मतदान बूथ संख्या 183 तक पहुंच गई।’
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