सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने कहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में परिवार और पार्टी बंटने का नुकसान होना तय है. 2017 के विधानसभा चुनाव में भी परिवार में दरार के चलते पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा था.
अपर्णा यादव ने कहा कि चाचा शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए अपना जीवन लगाया है, लेकिन 2017 में उनका मोहभंग हो गया, उन्हें लगा कि आगे चलकर चीजें ठीक नहीं होंगी तो पार्टी से अपने को अलग कर लिया. शिवपाल की पार्टी में शामिल होने के कयास पर अपर्णा ने कहा कि नेताजी तय करेंगे कि हम किसके साथ जाएं. वो कहेंगे कि सपा के साथ जाऊं तो वहां रहूंगी और अगर उन्होंने चाचा शिवपाल के साथ कहा तो वहां जाऊंगी.
अपर्णा ने कहा कि चाचा शिवपाल ने पार्टी बनाने का जो फैसला किया है वो नेताजी से पूछकर किया है. हमारे परिवार में चाचा का बहुत सम्मान है.
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह का व्यक्तित्व बड़ा है. घर और परिवार में सभी चाहते हैं कि उनका कद बड़ा रहे. अखिलेश भैया अगर बेटे हैं तो शिवपाल यादव उनके भाई हैं, हमें नेताजी के आखरी फैसले का इंतजार करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अखिलेश भैया मेरे लिए बड़े भैया के समान हैं और चाचा जी मेरे ससुर हैं. मुझे अपने रिश्तों की मर्यादा पता है इसलिए जहां नेताजी तय करेंगे हम वहीं जाएंगे. उन्होंने कहा पार्टी टूट चुकी है. 2019 के लोकसभा चुनाव में अलग-अलग ही लड़ेंगे, लेकिन राजनीति में सब कुछ फिक्स नहीं होता. हालांकि दोनों लोग अलग लड़ेंगे तो नुकसान होगा.
राम मंदिर पर अपर्णा यादव ने कहा कि राम हमारे आदर्श हैं, इसे किसी पार्टी या जनसमूह से जोड़कर नहीं देखना चाहिए. हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए. राम मंदिर पर प्राइवेट मेंबर बिल पर उन्होंने कहा इसपर बीजेपी को निर्णय लेना है, मैं तो संसद में नहीं हूं जो फैसला लेगी पार्टी ही लेगी.
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