छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह एवं केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने आज यहां राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार समारोह में देश के जाने-माने वरिष्ठ और सिद्धहस्त शिल्पियों को शिल्पगुरू पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया।
प्रदेश सरकार के ग्रामोद्योग विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह पहला अवसर है, जब राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार वितरण के लिए प्रदेश की राजधानी रायपुर में समारोह आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ.सिंह के विशेष आग्रह पर केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय ने यह आयोजन रायपुर में करने का निर्णय लिया था। कपड़ा मंत्रालय की ओर से इस अवसर पर वर्ष 2016 के सिद्ध हस्तशिल्पियों को शिल्प गुरू पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए। आयोजन में आठ शिल्पियों को शिल्प गुरू पुरस्कार और 25 शिल्पियों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
शिल्प गुरू पुरस्कार की शुरूआत केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2002 में की गई थी। पुरस्कार के रूप में दो लाख रूपए नगद और एक स्वर्ण सिक्के के साथ शॉल, प्रमाण पत्र और ताम्र पत्र दिए जाएंगे। जिन शिल्पकारों को वर्ष 2०16 का शिल्प गुरू पुरस्कार दिया गया, उनमें दिल्ली के मोहम्मद मतलूब, जम्मू-कश्मीर के गुलाम हैदर मिजार्, ओड़िशा के रूपम माथरू, पंजाब के गोपाल सैनी, राजस्थान के अजुर्न प्रजापति और बाबूलाल मरोटिया, पश्चिम बंगाल की तृप्ति मुखजीर् शामिल हैं।
राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार की स्थापना केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 1965 में की गई थी। ये पुरस्कार सिद्ध हस्तशिल्पियों को उनके शिल्प के संवर्धन और कौशल स्तर के लिए दिया जाता है। राष्ट्रीय पुस्कारों में से प्रत्येक में एक लाख रूपए नगद, एक शॉल, एक प्रमाण पत्र और ताम्र पत्र देने का प्रावधान है।
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