कोबरा सांप का नाम सुनकर बड़े-बड़े डर जाते हैं. वहीं दो शख्स ऐसे हैं जो कोबरा सांप के जहर का नशा करते हैं. इसके लिए ये शख्स जीभ पर कोबरा से डसवाते है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कोबरा के जहर का नशा करने का एक कारण यह भी है कि इन पर किसी अन्य तरह के नशे का असर नहीं होता. राजस्थान के इन दोनों व्यक्तियों पर अब चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन ऐंड रीसर्च के वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं.
इन दोनों लोगों की हैरान करने वाली केस हिस्ट्री इंडियन जर्नल ऑफ साइकॉलजिकल मेडिसिन में छप चुकी है. डॉ. असीम मेहरा, देबाशीष बासु और संदीप ग्रोवर ने ‘स्नेक वेनम यूज ऐज सब्सिटिट्यूट फॉर ओपिऑइड्स अ केस रिपोर्ट ऐंड रिव्यू ऑफ लिटरेचर’ के नाम से पूरा किया. डॉ. ग्रोवर के मुताबिक इस स्टडी का मकसद क्लिनिशन्स को इस बारे में जागरूक करना था.
जानकारी के अनुसार ये दोनों 15 साल से ऑपिऑइड (नशीले पदार्थ) पर निर्भर हैं. पहले जीब पर कोबरा से कटवाए जाने पर उन्हें झटके लगते और धुंधला सा दिखने लगता था. वह करीब 1 घंटे के लिए सुन्न हो जाते थे लेकिन जागने के बाद उन्हें बेहद अच्छा लगता था. दोनों के मुताबिक यह शराब और अन्य किसी दूसरे नशों से भी असरदार है. इतना ही नहीं शोध में यह बात भी सामने आई है कि जहर का इस्तेमाल करने वाले लोगों को ‘3-4 हफ्तों तक खुशी, महानता और काफी ज्यादा नींद महसूस होती है.
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