भारत के साथ अटूट दोस्ती का दावा करने वाले रूस की सेना पाकिस्तान की सेना के साथ युद्धाभ्यास करने जा रही है। इस युद्धाभ्यास में शामिल होने के लिए रूसी सेना पाकस्तानी सेना के मुख्यालय रावलपिंडी पहुंच गई है। रूसी सेना पाकिस्तान में करीब दो हफ्ते तक रहेगी और अपनी युद्धक क्षमता को परखेगी। पाकिस्तान और रूस का यह युद्धाभ्यास ऐसे समय पर हो रहा है जब लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव चल रहा है। पाकिस्तान की सेना एक बयान जारी करके कहा कि रूस के स्पेशल फोर्स के जवान पाकिस्तान पहुंच गए हैं। ये सैनिक पाकिस्तान और रूसी सेना के बीच होने वाले संयुक्त युद्धाभ्यास ‘DRUZHBA -IV’ में हिस्सा लेंगे। पाकिस्तानी सेना ने कहा कि इस युद्धाभ्यास का मकसद आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में अनुभवों को साझा करना है। इसके अलावा हवा से जमीन में कूदने और बंधक संकट के समाधान के तरीके का अभ्यास होगा। पाकिस्तान को हथियार नहीं देगा रूस पाकिस्तानी सेना ने कहा कि दोनों देशों के बीच यह वार्षिक युद्धाभ्यास वर्ष 2016 से होता चला आ रहा है।
इससे पहले इस साल रूस के दौरे पर गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को मास्को ने भरोसा दिया था कि वह पाकिस्तान को हथियार नहीं देगा। रूस ने पाकिस्तान को आधा दर्जन हेलिकॉप्टर दिए थे जिसका भारत ने विरोध किया था। इसके बाद रूस ने इन हेलिकॉप्टर्स की सप्लाइ को रोक दिया था। रूस भारत को सबसे ज्यादा हथियारों की आपूर्ति करने वाला देश है। इसमें परमाणु ऊर्जा से चलने वाली सबमरीन शामिल है। रूस ने यह भी कहा था कि वह भारत की व्यापक स्तर पर सुरक्षा हितों में मदद करेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगू के बीच बैठक में मास्को ने यह आश्वासन दिया था। बता दें कि भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान काफी समय से रूस से हथियार खरीदना चाहता है लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पाई है। हालांकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच युद्धाभ्यास नियमित रूप से होता आ रहा है।
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