नवरात्रि के बावजूद प्याज का रेट लगातार बढ़ रहा है. हालात ये है कि देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की येवला मंडी में इसका थोक रेट 7360 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया. यह रेट ऑनलाइन मंडी पर आया है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि नवरात्र के बाद दाम का क्या होगा. जबकि अब होटल, रेस्टोरेंट खुल चुके हैं. शादी-ब्याह का सीजन शुरू होने वाला है. पिछले साल को याद कीजिए जब बाजार में प्याज 200 रुपये किलो तक पहुंच गई थी. इसी तरह के हालात का अंदेशा इस साल भी लग रहा है. इसकी दो बड़ी वजह बताई जा रही हैं.
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात और राजस्थान प्याज के बड़े उत्पादक राज्य हैं. इनमें चार बड़े राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और बिहार ने इस साल बाढ़ झेली है. जबकि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और यूपी आदि के कई हिस्सों में भारी बारिश ने तबाही मचाई है. इससे प्याज उगाने वाले किसानों का भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में प्याज का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. यूपी के एक किसान ने बताया कि जो प्याज ओलावृष्टि की शिकार हुई है उसमें सड़न बहुत जल्दी आ रही है.
हालांकि, सरकार ने इस साल जून में अनुमान लगाया था कि प्याज के उत्पादन में 17.17 फीसदी का इजाफा हो सकता है. 2018-19 में जहां प्याज का उत्पादन 228.19 लाख टन था वहां वहीं इस साल प्याज का उत्पादन 268.56 लाख टन होने का अनुमान लगाया गया था. लेकिन बाढ़ और ज्यादा बारिश इन अनुमानों को धुलते नजर आ रहे हैं.
कृषि विशेषज्ञ बिनोद आनंद ने कहा कि प्याज की कीमतों में तेजी की बड़ी वजह फसल का खराब होना है. महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश से इस समय खरीफ की प्याज बाजार में आती थी. लेकिन, इन राज्यों में भारी बारिश के चलते 40-45 फीसदी फसल खराब हो गई है. आमतौर पर नवरात्रि में प्याज की खपत कम हो जाती है इसलिए रेट घट जाता है, लेकिन इस बार बढ़ रहा है. हालात ऐसे ही बने रहे तो इस साल भी प्याज सस्ता नहीं होगा.
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