भारत की हिरासत में आए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक सैनिक को वापस करने की मांग के साथ ही चीन ने घुटने तक दिए हैं. चीनी सेना ने वादा किया है कि वह भारत के साथ सैन्य-राजनयिक वार्ता के 7वें दौर में बनी सहमतियों को लागू करने और सीमा क्षेत्रों की शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए काम करेगा. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने भी मंगलवार को कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष अपना वादा रखेगा और लापता सैनिक को जल्द से जल्द लौटाएगा. चीन के साथ मिलकर भारत कमांडर स्तरीय वार्ता के 7वें दौर में पहुंची सहमति को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा.
पीएलए वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता सीनियर कर्नल झांग शुइली ने सोमवार रात एक बयान में कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का एक सैनिक रविवार को चीन-भारत सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने याक को खोजने के दौरान लापता हो गया. इस पर चीन ने तुरंत भारत को सूचित किया और उम्मीद की कि भारत लापता सैनिक की खोज में मदद कर सकता है. उन्होंने कहा कि भारत चीनी सैनिक की खोज में मदद करने और उसे वापस करने पर सहमत हुआ. भारत ने बाद में चीन को सूचित किया कि चीन का लापता सैनिक मिल गया है और मेडिकल परीक्षण के बाद उसे वापस चीन भेज देगा. झांग ने अपने बयान में उम्मीद जताई कि भारत अपने वादे को पूरा करेगा. भारत के इस कदम से चीन भी सैन्य-राजनयिक वार्ता के 7वें दौर में बनी सहमतियों को लागू करने और सीमा क्षेत्रों की शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए काम करेगा.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने भी मंगलवार को कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष अपना वादा रखेगा और लापता सैनिक को जल्द से जल्द लौटाएगा. चीन के साथ मिलकर भारत कमांडर स्तरीय वार्ता के 7वें दौर में पहुंची सहमति को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा. चीन का मानना है कि इस घटना से सीमावर्ती क्षेत्रों में नए संघर्ष नहीं होंगे और मामला सुलझने से द्विपक्षीय वार्ता में नई प्रगति का संकेत मिलेगा.
चीन और भारत अलग-अलग कारणों से निर्जन सीमा साझा करते हैं. इसलिए संदर्भ संकेतक या उचित उपकरण के बिना सीमा पर खो जाना आसान है. दोनों पक्षों से सैनिकों के खोने या रास्ता भटककर सीमा पार जाने से संबंधित कई ऐसी ही घटनाएं पहले भी हुई हैं जिनका हल आपसी बातचीत से निकाला गया है.
दरअसल भारतीय सेना ने सोमवार को सुबह लद्दाख के डेमचोक इलाके के पास एक चीनी सैनिक को पकड़ लिया. उसे अपनी कैद में लेने के बाद सेना के अधिकारियों ने पूछताछ और जासूसी के एंगल से जांच करनी शुरू कर दी. हिरासत में लिये गए चीनी सैनिक को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई. अत्यधिक ऊंचाई पर होने की वजह से उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, चीनी सैनिक को ऑक्सीजन भी दी गई. उसे गर्माहट पहुंचाने के लिए भारतीय सैनिकों ने भोजन और गर्म कपड़े भी मुहैया कराये.
उसके पास से चीनी सेना का आई कार्ड भी मिला, जिससे पता चला कि वह चीन के शांगजी इलाके का रहना वाला वांग या लांग और पीएलए में कॉरपोरल रैंक पर है. इस पर चुशूल-मोल्डी मीटिंग प्वाइंट पर भारत और चीनी सेना के अधिकारियों की बैठक हुई. इस बैठक में तय हुआ कि नियत प्रक्रिया का पालन करने के बाद स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार उसे चीन के सैन्य अधिकारियों को सौंप दिया जायेगा.
More Stories
आईआरसीटीसी ने लाया ‘क्रिसमस स्पेशल मेवाड़ राजस्थान टूर’… जानिए टूर का किराया और कमाई क्या दुआएं
महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा? ये है शिव सेना नेता ने कहा |
186 साल पुराना राष्ट्रपति भवन आगंतुकों के लिए खुलेगा