ओडिशा के बालासोर जिले के चांदीपुर अंतरिम परीक्षण परिसर आइटीआर से पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल का शुक्रवार शाम 7:30 बजे सफल परीक्षण किया गया. डीआरडीओ रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन की ओर से विकसित पृथ्वी-2 मिसाइल का परीक्षण चांदीपुर आइटीआर के लॉचिंग कॉम्प्लेक्स 3 से सफलतापूर्वक किया गया.
यह पहली मिसाइल है, जिसे डीआरडीओ ने इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत तैयार किया है. यह मिसाइल 1000 किलोग्राम तक अस्त्र ढ़ोने की ताकत रखती है. देश में बनाई गई यह मिसाइल सतह से सतह पर 500 किलोमीटर की दूरी तक मार करने की ताकत रखती है.
इस मिसाइल को तरल ईंधन वाले दो इंजन लगाए गए हैं. इसे तरल और ठोस दोनों तरह के ईंधन से संचालित किया जा सकता है. यह मिसाइल परंपरागत और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है. 8.56 मीटर लंबी 1.1 मीटर चौड़ी और 4600 किलोग्राम वजन वाली यह मिसाइल 483 सेकेंड तक और 43.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकती है.
इसके परीक्षण के मौके पर डीआरडीओ और आइटीआर से जुड़े वरिष्ठ वैज्ञानिकों और अधिकारियों का दल मौके पर मौजूद था. यह पहला मौका नहीं है, जब पृथ्वी मिसाइल को रात्रिकालीन परीक्षण किया गया है.
इसके पहले कई कई बार पृथ्वी मिसाइल का रात्रि कालीन सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है. मात्र 30 दिनों के भीतर ही भारत ने आठ नए और पुराने किस्म की मिसाइलों का सुबह और रात को सफलतापूर्वक परीक्षण किया है.
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