पाकिस्तान में गुरुवार शाम सेना के दो काफिलों को निशाना बनाया गया. इन हमलों में कम से कम 21 सैनिकों के मारे जाने की खबर है. पहला हमला नॉर्थ वजीरिस्तान जबकि दूसरा खैबर पख्तूनख्वा इलाके में हुआ.
सेना ने एक बयान में कहा कि आतंकवादियों ने उत्तरी वजीरिस्तान के आदिवासी जिले के रज्माक इलाके के पास एक तेल एवं गैस कंपनी के वाहनों के काफिले को निशाना बनाया. पाकिस्तानी सेना के मुताबिक, मारे गए सैनिकों की संख्या बढऩे की आशंका है, क्योंकि ज्यादातर सैनिकों को गंभीर चोटें आई हैं.
पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा अंतर-सेवा जनसंपर्क ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि हमले के दौरान गोलीबारी में आतंकवादियों को भी क्षति पहुंची है. इस हमले में फ्रंटियर कोर के सात सैनिक और सात निजी सुरक्षा गार्ड की मौत हो गई. ग्वादर में एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि आतंकवादियों ने बलूचिस्तान-हब-कराची तटीय राजमार्ग पर ओरमारा के निकट पहाड़ों से काफिले पर हमला किया. घटना के दौरान दोनों ही तरफ से भारी गोलीबारी हुई. यह काफिला ग्वादर से कराची लौट रहा था.
उन्होंने बताया कि इस हमले को साजिश रचकर अंजाम दिया गया है और आतंकवादियों को पहले से ही काफिले के कराची जाने की जानकारी थी. आतंकवादी काफिले की प्रतीक्षा कर रहे थे. एफसी के अन्य कर्मी काफिले को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में सफल रहे.
उत्तरी वजीरिस्तान कभी आतंकवादियों का गढ़ था, लेकिन सुरक्षा बलों ने कई अभियानों में अधिकतर आतंकियों को समाप्त कर दिया. ऐसा माना जाता है कि बचे हुए आतंकवादी अफगानिस्तान भाग गए और अब वापस आकर हमले शुरू किए. इस क्षेत्र में सेना ने आतंकियों को पकडऩे के लिए अभियान शुरू किया है.
पाकिस्तानी अखबार द ट्रिब्यून के अनुसार शुरू में हमले का दावा बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट ने किया, लेकिन बाद में एक नए उग्रवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी ली. दो खुफिया अधिकारियों के अनुसार पाकिस्तान की ऑयल एंड गैस डेवलपमेंट कंपनी के सात कर्मचारी मारे गए, साथ ही काफिले की सुरक्षा कर रही पाकिस्तान फ्रंटियर कोर के आठ सदस्यों की भी जान चली गई. मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस हमलावारों की धड़पकड़ में जुटी है. वहीं पाकिस्तानी सरकार ने घटना को निंदनीय बताया है.
बीते पांच महीने में पाकिस्तानी सैनिकों के काफिले पर यह चौथा हमला है. अब तक कुल मिलाकर इन हमलों में 50 से ज्यादा सैनिक मारे जा चुके हैं. ग्वादर का हमला तो सरकार और सैनिकों के लिए चिंता का बड़ा कारण है. क्योंकि यहां पाकिस्तान और चीन मिलकर पोर्ट बना रहे हैं. यह इलाका बलूचिस्तान और नॉर्थ वजीरिस्तान की सीमा पर है.
घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने आर्मी चीफ जनरल बाजवा से फोन पर बातचीत की. पीएम ने उनसे घटना का ब्योरा लिया. सैनिकों की दो कंपनियां मौके पर रवाना की गई हैं. बलूचिस्तान में पाकिस्तानी फौज पर पिछले महीनों में कई हमले हुए हैं, लेकिन खैबर और वजीरिस्तान में इस तरह के हमले नई बात हैं.
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