प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार में व्यस्त है। इसके बावजूद उन्होंने मानवीय संवेदना की अनूठी मिसाल पेश की है। रविवार (27 नवंबर,2022) को प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के नेत्रंग में एक जनसभा में जनता को देर से आने का जो कारण बताया, उसने लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने दो बेसहारा और अनाथ आदिवासी भाइयों की कहनी सुनाई, जिससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी हर गरीब और बेसहारा के संकटमोचक हैं। जब भी किसी बेसहारा को सहारा और मदद की जरूरत होती है, तो वो तुरंत उसकी मदद के लिए आगे आते हैं। यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी 130 करोड़ लोगों की उम्मीद और भरोसे का प्रतीक बने हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने नेत्रंग की जनसभा में मंच पर चढ़ते ही जनता से कहा कि मैं दो मिनट देरी से आया हूं। क्योंकि, मैं आदिवासी भाइयों से मिलना चाहता था। 6 साल पहले उनके माता-पिता का बीमारी के चलते देहांत हो गया। जिस वक्त उनके माता-पिता गुजरे उस वक्त उनकी उम्र 8 और 2 साल की थी। माता और पिता के निधन के बाद ये दोनों बदहाली में रहते हुए एक-दूसरे के सहायक बनकर जी रहे थे। कुछ समय पहले उन्होंने दोनों का एक वायरल वीडियो देखा था। इसके बाद प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल और अधिकारियों को अवि और जय की हरसंभव मदद करने का निर्देश दिया।
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